नई दिल्ली। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया घुटनों के बल पर है। चीन से शुरू हुआ संक्रमण अब तबाही मचा रहा है। अमेरिका में मरने वालों की संख्या 30 हजार के पार है जिसमें आधे से अधिक न्यूयॉर्क से हैं। इस पूरी कड़ी में सबसे ज्यादा सवाल विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर है। पश्चिमी देशों का कहना है कि पहली बात तो चीन की तरफ से जानकारी छिपाई गई और डब्ल्यूएचओ की तरफ से पर्दा डालने की कोशिश की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस हद तक खफा हुए कि उन्होंने मदद पर रोक लगा दी और अब एक बार फिर निशाना साधा है।
ट्रंप ने पूछे तीखे सवाल
अमेरिका ने पूछा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ताइवान के स्वास्थ्य अधिकारियों के मेल को क्यों नजरंदाज किया। पिछले साल दिसंबर महीने में भेजे गए मेल में आशंका जाहिर की गई थी कि कोरोना वायरस का प्रसार इंसानों के जरिए हो सकता है। इससे भी बड़ी बात यह है कि डब्ल्यूएचओ की तरफ से बार बार गलत अधूरी और अस्पष्ट जानकारी क्यों दी गई।
WHO से खफा है अमेरिका
जनवरी-फरवरी तक पूरी दुनिया को कोरोना वायरस अपनी गिरफ्त में ले चुका था। ऐसे में महत्वपूर्ण फैसला लेने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से की गई देरी समझ के बाहर है। ये कुछ ऐसे सवाल है जिसका जवाब मांगा ही जाएगा। वैश्विक स्तर का संगठन जिसकी जिम्मेदारी पूरी दुनिया को स्वास्थ्य संबंधी खतरों से आगाह करना है आखिर उससे इतनी बड़ी चूक क्यों हुई। बता दें कि ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि अभी तो हमारी प्राथमिकता अमेरिका के साथ साथ पूरी दुनिया की हिफाजत करना है। जब कोरोना के खिलाफ जंग को हम जीतने में कामयाब होंगे उसके बाद निश्चित तौर पर इस बात की समीक्षा होगी कि आखिर गलती किसकी थी।