वाशिंगटन : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन चौतरफा घिरे हुए हैं। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए उनके अप्रैल के उस फैसले को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसमें उन्होंने सितंबर तक अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी का ऐलान किया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठते इन सवालों के बीच अब अमेरिका की राजनीति में भी यह मसला तूल पकड़ता जा रहा है, जहां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके लिए बाइडन से इस्तीफे की मांग की है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर देश की सत्ता उनके हाथों में होती तो स्थिति अलग होती। अफगानिस्तान से अमेरिका का बाहर निकलना 'अलग' होता और यह 'बहुत सफलतापूर्वक' होता। उन्होंने कहा, 'जो बाइडन ने अफगानिस्तान में जो कुछ भी होने दिया है, उसके लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।'
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दाखिल होने और फिर राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किए जाने के बाद आया है।
वहीं, बाइडन प्रशासन ने एक ओर अमेरिका के अफगान मिशन को सफल बताया तो ट्रंप पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए ही हुआ था।
इस बीच कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी अफगानिस्तान में 'अराजकता' के मौजूदा माहौल के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को जिम्मेदर ठहरा रहे हैं। बाइडन प्रशासन के कई अधिकारियों ने भी कहा है, उन्होंने अफगान सुरक्षा बलों की क्षमता को कुछ अधिक आंक लिया था। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने जो अनुमान लगाया था, अफगानिस्तान उससे पहले ही ढह गया।