पेरिस : फ्रांसे की राजधानी पेरिस में हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में ही रखने का फैसला लिया गया है। एफएटीएफ के इस फैसले को पाकिस्तान के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने के कारण पाकिस्तान के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। इस मसले पर वह पहले से ही एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' में शामिल थे, जिसे जारी रखने का फैसला लिया गया है।
एफएटीएफ का यह फैसला पाकिस्तान द्वारा 'ग्रे लिस्ट' से बाहर निकलने की उसकी तमाम कोशिशों के बीच आया है, जिसमें उसे लगातार विफलता मिल रही है। पाकिस्तान की अदालत ने पिछले दिनों आतंकी फंडिंग के मामले में हाफिज सईद को सजा भी सुनाई थी, जिसे जिसका जिक्र पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने एफएटीएफ की बैठक में किया भी। लेकिन एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' से बाहर निकलने का पाकिस्तान का यह पैंतरा उसके काम नहीं आया और इस अंतरराष्ट्रीय संगठन ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने के मामले में उसे इसमें बरकरार रखने का फैसला किया।
पाकिस्तान ने रखी रिपोर्ट
एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए छटपटा रहे पाकिस्तान की ओर से उसे वित्त मंत्री हमाद अजहर की अगुवाई में पेरिस पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने इस अंतरराष्ट्रीय समूह को यकीन दिलाने का प्रयास किया कि उनका देश मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के मामले में कार्रवाई कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से यह दावा भी किया गया कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिस 27 सूत्री कार्य योजना पर अमल के लिए उससे कहा गया था, उसमें से 14 को उसने पूरी तरह क्रियान्वित किया है, जबकि 11 अन्य को भी लागू किया जा रहा है। हालांकि दो को उसने यह कहकर लागू करने से मना कर दिया कि यह संभव नहीं है।
एफएटीएफ ने जताई थी चिंता
अंतरराष्ट्रीय समूह हालांकि पाकिस्तान के दावों से असंतुष्ट रहा और उससे मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के मामले में नियमों को और सख्त बनाने तथा जवाबदेही तय करने के लिए कहा। एफएटीएफ ने सोमवार को भी कहा था कि कई आतंकी समूह दुनियाभर में अवैध माध्यमों और समर्थकों के जरिये फंड इकट्ठा कर रहे हैं। वे इसके लिए नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अपने मंजूबों को अंजाम देने के लिए वे सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके जरिये अपने लिए समर्थक और अन्य मदद तैयार कर रहे हैं। आतंकवाद को लेकर इस चिंता को जाहिर करते हुए हालांकि एफएटीएफ ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था।