सियोल: कई हफ्तों से उत्तर कोरिया के तानाशाह के बारे में लगातार आ रही कयासों पर आखिरकार विराम लगता नजर आ रहा है। आखिरकार शासक किम जोंग-उन 20 दिन में पहली बार नजर आया और इसी के साथ उसके बीमार होने की अटकलें भी अफवाहें साबित होती दिख रही हैं। किम को उत्तर कोरिया के दक्षिणी प्योगयांग प्रांत में सुचोन स्थित एक उर्वरक प्लांट के उद्घाटन समारोह में देखे जाने की बात सामने आई है।
शनिवार को किम की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वह एक लाल रिबन को काटते हुए नजर आ रहा है। 11 अप्रैल को वर्कर्स पार्टी पोलित ब्यूरो की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद से उत्तर कोरियाई नेता की सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज नहीं की गई थी, राज्य मीडिया की ओर से दी जानकारी के अनुसार अगले दिन शासक ने एक लड़ाकू जेट का निरीक्षण किया था। लेकिन इसके बाद से लगातार अनुपस्थिति के चलते उसकी सेहत को लेकर अफवाहें सामने आने लगी थीं।
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खासकर ऐसी जानकारियों को तब ज्यादा बल मिलने लगा था जब किम जोंग-उन अपने दादा और उत्तर कोरिया के संस्थापक किम-इल सुंग के जयंती समारोह पर नजर नहीं आया। रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2011 में तानाशाह की गद्दी पर बैठने के बाद यह पहली बार था जब किम इस समारोह में शामिल नहीं हुआ था।
कोरियाई केंद्रीय समाचार एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को जब किम उर्वरक कंपनी के उद्घाटन पर पहुंते तो मौके पर मौजूद सभी लोग उत्साहित हो उठे। रिपोर्ट में कहा गया है कि शासक ने उर्वरक केंद्र का निरीक्षण किया और उत्पादन प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी ली।
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'मेरे पिता और दादा देखते तो खुश होते'- एजेंसी के अनुसार किम ने गहरी भावना के साथ कहा कि आधुनिक फॉस्फेट उर्वरक कारखाने के बारे में पता चलने पर उनके दादा किम इल सुंग और पिता किम जोंग इल बहुत खुश होते।
इस दौरान उनकी बहन और करीबी सलाहकार किम यो जोंग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। हालांकि समारोह से तस्वीरें तुरंत जारी नहीं की गईं।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के एक शीर्ष सुरक्षा सलाहकार ने एक सप्ताह से कुछ कम समय पहले ही अफवाहों को खारिज करते हुए कहा था कि किम 'जीवित और ठीक है'। मून चुंग-इन के सलाहकार ने सीएनएन को बताया था कि किम 13 अप्रैल से उत्तर कोरिया के पूर्व में एक रिसॉर्ट शहर - वॉनसन में रह रहा था।
गौरतलब है कि बीते दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि किम जोंग-उन हार्ट से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित है और उसका ऑपरेशन किया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में उसके कोमा में जाने की बात कही गई थी जबकि कई में तो तानाशाह की मौत का दावा भी किया गया था। चीनी डॉक्टरों के एक दल के उत्तर कोरिया की यात्रा करने सहित कई घटनाक्रमों के बाद इन अटकलों को और बल मिला था।