वाशिंगटन : रूस ने भारत को अपनी अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की आपूर्ति करनी शुरू कर दी है। इस सिस्टम के लिए रूस के साथ जो 5 अरब डॉलर में रक्षा करार हुआ है उसके मुताबिक मास्को आने वाले समय में S-400 की पांच यूनिटें भारत को सौंपेगा। हालांकि, इस करार पर अमेरिकी प्रतिबंध का खतरा भी मंडरा रहा है। अमेरिका अपने 'काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट' (CAATSA) के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। इस डील पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान दिया है।
इस बीच, अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद पर भारत को CAATSA से संभावित छूट मिलेगी या नहीं, इस पर उसने अभी फैसला नहीं किया है। अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ हथियारों की खरीद पर वाशिंगटन नई दिल्ली के साथ बातचीत जारी रखेगा। CAATSA से संभावित छूट के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, 'हमने अपने सभी सहयोगियों एवं साथी देशों से रूस से हथियारों की खरीद नहीं करने का अनुरोध किया है। हमने कहा है कि यदि वे ऐसा करते हैं तो उन पर काट्सा के तहत प्रतिबंध लग सकता है।'
प्रवक्ता ने कहा कि रूस के साथ भारत की हथियार की खरीद पर काट्सा से संभावित छूट पर हमने अभी फैसला नहीं किया है। दरअसल, काट्सा में देश के आधार पर छूट देने का प्रावधान नहीं है। बता दें कि अपनी रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत ने साल 2018 में एस-400 के लिए रूस से रक्षा करार किया। अब जाकर रूस ने इस सिस्टम की आपूर्ति करनी शुरू की है।
रक्षा सहयोग के बारे में बात करते हुए प्राइस ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका के रक्षा सहयोग में मजबूती आई है और उसका विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि रक्षा सहयोग में आई यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। हम भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का सम्मान करते हैं।' प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा सहयोग पर भारत के साथ जारी बातचीत को लेकर अमेरिका कांग्रेस के सदस्य काफी दिलचस्पी रखते हैं।
इस महीने की शुरुआत में रूस की सरकारी हथियार निर्यातक कंपनी के महानिदेशक आर एलेक्जेंडर मिखेव ने समाचार एजेंसी स्पुतनिक के साथ बातचीत में कहा कि रूस की एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम एस-400 की पहली खेप भारत को 2021 के समाप्त होने तक मिल जाएगी। भारत को यह एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति पहले होनी थी लेकिन कोरोना एवं अन्य कारणों के चलते इसकी आपूर्ति में देरी हुई है।
एस-400 दुनिया की बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल है। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। यह अपने दायरे में आने वाले सभी तरह के एरियल ऑब्जेक्ट्स, ड्रोन, फाइटर जेट्स, मिसाइल एवं रॉकेट को इंटरसेप्ट करते हुए मार गिराती है। एस-400 के कई हिस्से हैं। इसमें दो बैटरीज, निगरानी एवं इंगेजमेंट रडार, कंटोल कमान लगे होते हैं। रूस ने पहली बार इस सिस्टम को 2003 में विकसित किया जबकि इसका टेस्ट 2008 से 2010 के बीच हुआ। रूस अब तक अपनी इस मिसाइल सिस्टम को तुर्की, चीन सहित कई देशों को बेच चुका है।