नई दिल्ली: कुलभूषण जाधव मामले में एक बड़ी खबर सोमवार को सामने आई जब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को 3 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी, सुनवाई में कुलभूषण के कानूनी प्रतिनिधित्व का मसला उठा, चीफ जस्टिस ने सरकार को आदेश दिया कि इस मामले में भारत सरकार से संपर्क करके कुलभूषण जाधव को कानूनी प्रतिनिधित्व दिलाने की व्यवस्था करे।
हालांकि ये भी कहा गया कि वकील पाकिस्तान का होना चाहिए, हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले में भारतीय अधिकारियों को जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने की अनुमति दे। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों को कुलभूषण जाधव केस में वकील रखने की इजाजत दी है लेकिन वह भारतीय नहीं होगा।
इस मसले पर हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में चली लंबी कानूनी लड़ाई में भारत ने कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच और कानूनी प्रतिनिधित्व का मसला उठाया था जिसके बाद आईसीजे ने पाकिस्तान को कुलभूषण को बचाव के सारे विकल्प मुहैया कराने का आदेश दिया था।
इससे पहले जुलाई में भारतीय नागरिक और नौसेना के पूर्व कर्मचारी कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को बड़ी सफलता मिली थी पहले बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दवाब के बाद पाकिस्तान ने भारत को दूसरी बार काउंसर एक्सेस दिया था जिसके बाद जाधव को समीक्षा याचिका दायर करने की अनुमति दे दी, भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया ने एक अन्य अधिकारी के साथ जाधव से पाकिस्तान में एक अज्ञात जगह पर मुलाकात की।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, 'इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के दो कांसुलर अधिकारियों को जाधव के लिए निर्बाध कांसुलर एक्सेस प्रदान किया गया।' जाधव से किस जगह पर मुलाकात हुई, अभी इस बारे में पता नहीं चल सका है। दो अधिकारियों की कार को विदेश मंत्रालय की पार्किंग में पार्क कर कार से अलग जगह पर पहुंचाया गया।