भारत में अगर स्थिति भयावह रहती है तो दुनिया का यही हाल होगा: USIBC

दुनिया
भाषा
Updated May 06, 2021 | 15:43 IST

यूएएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा देसाई विस्वाल ने कहा कि जिस तेज गति से कोविड-19 संकट भारत में फैला और पूरे देश को उसने अपनी आगोश में ले लिया। दुनिया पर भर खतरा है।

If the situation in India remains catastrophic, then the world will be in the same condition: USIBC
भारत में कोरोना वायरस का कहर  |  तस्वीर साभार: PTI

वॉशिंगटन : भारत में यदि स्थिति खौफनाक बनी रहती है तो फिर दुनिया की स्थिति भी भयावह बनी रहेगी। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने की वकालत करने वाले एक प्रमुख समूह ने यह बात कही है। समूह ने यह बात ऐसे समय कही है जब अमेरिका का कंपनी जगत कोविड- महामारी से पार पाने के लिए पूरी तरह से भारत के प्रयासों में मदद कर रहा है। अमेरिका- भारत व्यवसायिक परिषद (यूएएसआईबीसी) की अध्यक्ष निशा देसाई विस्वाल ने कहा कि जिस तेज गति से कोविड-19 संकट भारत में फैला और और पूरे देश को उसने अपनी आगोश में ले लिया उससे उद्योग समुदाय में भारत के प्रति तीव्र गति से मदद की धारणा बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को शायद सबसे पहले यह महसूस होने लगा था कि स्थितियां भयावह दिशा में आगे बढ़ रही है। कंपनियों को भारत में उनके अपने कर्मचारियों से इसके बारे में जानकारी मिल रही थी। यही वजह है कि इन कंपनियों ने जल्द इस दिशा में काम शुरू कर दिया और दो सप्ताह पहले ही अमेरिकी व्यवसायिक समुदाय ने संसाधनों को जुटाना शुरू कर दिया था।

महामारी में मदद के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए अमेरिका की शीर्ष 40 कंपनियों के सीईओ को मिलाकर बनाए गए वैश्विक कार्यबल ने बिना देर किये सहायता उपलब्ध कराने के वास्ते भारत को 1,000 वेंटीलेटर्स और 25,000 आक्सीजन संकेन्द्रक भेजने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कार्यबल अपनी संचालन समिति के जरिये व्हाइट हाउस, विदेश विभाग और अंतरराष्ट्रीय विकास पर अमेरिकी एजेंसी के साथ साथ भारत सरकार के साथ मिलकर कंपनियों द्वारा दिये जा रहे अनुदान को लेकर समन्वय स्थापित कर रही है।

पिछले सप्ताह ही इस समिति की अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और इसके बाद बुधवार को भारत के नीति आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। भारत को मदद पहुंचाने वाली कंपनियों में फेसबुक, अमेजान से लेकर गोल्डमैन साक्स, बैंक आफ अमेरिका, एमवे, क्वालकॉम, वीएमवारे, यूनियन पेसिफिक, मैककारमिक और कोर्डिनल हेल्थ जैसी कंपनियों ने भारत के लिये वेंटिलेटर तथा अन्य सामग्री पहुंचाने की पहल की हैं। इसके साथ ही एसेंचर और माइक्रोसॉफ्ट ने इस दिशा में काम किया है। आईबीएम ने समग्र प्रयासों में अहम भूमिका निभाई है।

बिस्वाल ने इस दौरान भारत- अमेरिका रणनीतिक एवं भागीदारी मंच द्वारा आक्सीजन सिलेंडर और आक्सीजन संक्रेन्द्रकों जैसे संसाधनों को जुटाने में किये गये प्रयासों की भी सराहना की। एकजुट समन्वित ढांचे के तहत जो प्रयास हुए हैं इससे पहले शायद कभी हुए हों, ऐसा उदाहरण हमारे सामने नहीं है। 

डेलायट इंडिया के सीईओ पुनीत रंजेन ने कहा कि यह भारत की मदद करने का समय है। दुनिया को इस समय कोविड- 19 संकट की चुनौती का सामाना करने में आगे आकर भारत की मदद करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक संकट है। अगर वायरस एक तरफ के पर्यावरण में है और उसका स्वरूप बदलता है, तो इसका हर किसी पर प्रभाव होगा। जब तक सभी सुरक्षित नहीं है तो कोई भी सुरक्षित नहीं है। इसलिए हमें कदम उठाने चाहिए, यह सही काम है। कारोबारी समुदाय के हमारे लोगों के लिए भी यह सही दिशा में करने वाला काम है।

अगली खबर