बीजिंग/इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बुधवार को हुए एक विस्फोट में नौ चीनी नागरिकों की मौत के बाद चीन ने आक्रामक रुख अपना रखा है, जिससे इमरान खान के पसीने छूट गए हैं। चीन की नाराजगी के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष ली केचियांग को फोन कर न केवल विस्फोट मामले की जांच का आश्वासन दिया, बल्कि दोस्ती की दुहाई भी दी।
चीन के प्रधानमंत्री ली केचियांग को भरोसा दिलाते हुए इमरान खान ने कहा कि घटना की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने ली केचियांग को पाकिस्तान में चीनी नागरिकों, कामगारों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि यह उनकी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शुमार है। उन्होंने घायल चीनी नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की बात भी कही।
इमरान खान ने इस दौरान पाकिस्तान और चीन की दोस्ती का हवाला देते हुए कहा कि दोनों मुल्कों के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और 'किसी भी शत्रु ताकत' को पाकिस्तान और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और चीन की दोस्ती गहरी है, जो कई उतार-चढ़ाव के बावजूद अटूट है। किसी को भी इस रिश्ते में दरार नहीं डालने दिया जाएगा।
चीन के प्रधानमंत्री को इमरान खान का यह फोन ऐसे समय में गया है, जबकि चीनी प्रशासन ने पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी कोहिस्तान के दासू इलाके में बुधवार को एक बस में हुए विस्फोट में नौ चीनी नागरिकों सहित 13 लोगों की मौत पर कड़ा रुख जताया है। इसमें 39 अन्य घायल हुए हैं। चीन ने इसे बम विस्फोट बताया है, जबकि पाकिस्तान ने गैस लीक के कारण हुई दुर्घटना।
पाकिस्तान ने बाद में हालांकि बस में बारूद के निशान मिलने की बात कबूली और कहा कि इसके पीछे आतंकियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। मामले की जांच के लिए चीन ने गुरुवार को विशेषज्ञों की एक टीम पाकिस्तान भेजने की बात भी कही थी।
बस चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को लेकर जा रही थी, जो एक बांध बनाने में पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। यह बांध 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का हिस्सा है। विस्फोट के बाद गहरी खाई में गिर गई थी।