नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत से तनाव के बीच चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती हिमालय की कंपा देने वाली ठंड है। सर्दियों के मौसम में यहां तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस तक नीचे पहुंच जाता है। यहां अभी से तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे पहुंच चुका है, जबकि कड़ाके की सर्दी आनी अभी बाकी है। ऐसे में चीन ने यहां अपनी सीमा के भीतर ऐसे बैरक तैयार किए हैं, जहां उसके सैनिकों को कंपकंपाती ठंड में गर्माहट दी जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई सैटेलाइट तस्वीरों से इसका पता चलता है कि चीन किस तरह एलएसी पर सर्दियों के मौसम में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों के लिए इंतजाम कर रहा है। चीन की तैयारियों से यह भी संकेत मिलता है कि तनाव की स्थिति लंबे समय तक रह सकती है। जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आ रही है, वे पैंगॉन्ग झील और स्पांगुर झील में झड़प की जगहों से करीब 100 किलोमीटर दूर नए बैरकों की हैं। ये पिछले साल 2019 से ही निर्माणाधीन हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएलए ने अपने सैनिकों के बैरकों को गर्म रखने के लिए थर्मल इंसुलेशन भी लगाना शुरू कर दिया है। सोलर पावर चलने वाली ये यूनिट्स भीतर का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पर मेंटेन कर सकती हैं। यहां सैनिकों के रहने के साथ-साथ नहाने और खाना बनाने के लिए भी गर्म तापमान की सुविधा तैयार की गई है।
इससे पहले आई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि चीनी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पैंगॉन्ग झील के किनारे बैरक का उद्घाटन किया है, जिसमें हजारों जवानों के रहने के साथ-साथ भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद रखे जाने की व्यवस्था भी की गई है। इस बैरक में अत्याधुनिक हीटिंग सिस्टम, ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम की बेहतर व्यवस्था होने की बात भी कही गई।