वाशिंगटन : अमेरिका में जो बाइडन आज नई सरकार का गठन होने जा रहा है, जब जो बाइडेन राष्ट्रपति और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। नई सरकार में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन होंगे, जिन्होंने अमेरिका और भारत के रिश्तों को लेकर बात की है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग की असीम संभावनाएं हैं। आपसी सहयोग जो बिल क्लिंटन के कार्यकाल में शुरू हुआ, वह बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भी जारी रहा और नई सरकार में भी इसे बढ़ावा मिलेगा।
ब्लिंकेन के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, ऊर्जा नवीनीकरण, जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में सहयोग की असीम संभावनाएं हैं। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी महत्वपूर्ण साझीदार हैं। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका साझेदारी पर भी बात की और इस दौरान भारत के खिलाफ चीन की आक्रामक नीति का भी जिक्र किया और अमेरिका, भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है।
एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, 'भारत और अमेरिका के रिश्ते पिछली कई सरकारों में अच्छे रहे हैं और इसमें समय के साथ मजबूती आई है। क्लिंटन सरकार के कार्यकाल से शुरू हुआ द्विपक्षीय सहयोग ओबामा प्रशासन और डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भी आगे बढ़ा, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग की अवधारणा भी शामिल है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि चीन सहित किसी भी देश से इसकी संप्रभुता को कोई खतरा न हो।'
उन्होंने कहा, 'रक्षा खरीद सहित सूचनाओं को साझा करने के मसले पर भी भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ा है। हां, जलवायु परिवर्तन पर और अधिक काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवीनीकृत ऊर्जा और अन्य प्रौद्योगिकी के सशक्त पैरोकार रहे हैं। मुझे लगता है कि दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में भी आपसी सहयोग के बेहतरीन अवसर हैं।'
ब्लिंकेन ने मंगलवार को सीनेट की विदेश मामलों की समिति के समक्ष ये बातें कही, जब विदेश मंत्री के तौर पर उनके नामांकन पर मुहर लगाई गई। अमेरिका में 3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद जो बाइडन ने ब्लिंकेन (58) को विदेश मंत्री के तौर पर नामित किया था। ब्लिंकन इससे पहले भी कई अवसरों पर भारत-अमेरिका के बीच सहयोग और आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने पर जोर दे चुके हैं।