Amika George: भारतीय मूल की अमिका जॉर्ज को ब्रिटश सरकार ने स्कूलों में फ्री पीरियड प्रोडक्ट के प्रचार के लिए प्रतिष्ठित 'मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर (MBE) अवार्ड दिया है। यह तीसरा सर्वोच्च रैंकिंग अवार्ड है, जो ऐसे किसी खास व्यक्ति को तब दिया जाता है जब अपने काम के जरिये उन्होंने लोगों पर कोई सकारात्मक असर डाला हो और लोगों के लिए प्रेरणा बनता हो।
अमिका जॉर्ज (21) कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में इतिहास की स्टूडेंट हैं। वह बीते कई वर्षों से ब्रिटेन के स्कूलों और कॉलेजों में फ्री पीरियड प्रोडक्ट प्रदान कर रही हैं। उनके माता-पिता केरल से हैं। अमिका ने 17 साल की उम्र में यह अभियान शुरू किया था। उन्हें पता चला था कि ब्रिटेन में लड़कियां हर महीने कुछ स्कूल नहीं आती, क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण वे पीरियड प्रोडक्ट्स खरीद पाने में सक्षम नहीं होतीं।
इसके बाद उन्होंने इस दिशा में कई प्रयास किया, जिसमें एक याचिका डालना और मंत्रियों के साथ बैठक करना भी शामिल रहा। इस दिशा में जारी कोशिशों के बीच ब्रिटेन की सरकार ने वर्ष 2020 में शैक्षणिक संस्थानों को फ्री पीरियड प्रोडक्ट देने के लिए फंड जारी किया था। 'फ्री पीरियड्स' अब एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो लड़कियों/महिलाओं में हर माह होने वाले पीरियड को लेकर लोगों में संकोच के खिलाफ आवाज उठाता है।
21 साल की कम उम्र में यह उपलब्धि पाने वाली अमिका कहती हैं, 'यह दर्शाता है कि युवाओं की आवाज में कितना दम है। राजनीतिक क्षेत्रों में अक्सर उनकी अनदेखी होती रही है, लेकिन MBE से पता चलता है कि अब धीरे-धीरे उन्हें ऐसे परिवर्तन लाने वाले के तौर पर पहचान मिल रही है, जो सरकार और उनकी कार्यप्रणाली पर असर डाल सकते हैं।'