ईरान में कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी की जीत पक्की, 'सामूह‍िक हत्या' के लिए अमेरिका कर चुका है प्रतिबंधित

दुनिया
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Updated Jun 19, 2021 | 14:09 IST

ईरान के राष्‍ट्रपति चुनाव में उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती ने अपने प्रतिद्वंद्वी एवं कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रईसी के हाथों हार स्‍वीकार कर ली है।

ईरान में कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी की जीत पक्की, 'सामूह‍िक हत्या' के लिए अमेरिका कर चुका है प्रतिबंधित
ईरान में कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी की जीत पक्की, 'सामूह‍िक हत्या' के लिए अमेरिका कर चुका है प्रतिबंधित  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

तेहरान : ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती ने अपने प्रतिद्वंद्वी एवं कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रईसी के हाथों शनिवार तड़के अपनी हार स्वीकार कर ली। इससे संकेत मिलता है कि शुक्रवार को हुए मतदान के बाद मतगणना भले ही अभी जारी है और आधिकारिक रूप से परिणाम घोषित नहीं किया गया है, लेकिन देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक रईसी की जीत लगभग तय है।

उदारवादी उम्मीदवार एवं 'सेंट्रल बैंक' के पूर्व प्रमुख हेम्माती और पूर्व रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने रायसी को बधाई दी। सरकार से संबद्ध ओपिनियन पोल और विश्लेषकों ने रायसी को पद के लिये दावेदारी जता रहे चार उम्मीदवारों में से सबसे प्रबल करार दिया है।

Voters queue at a polling station during the presidential elections in Tehran, Iran, Friday, June 18, 2021. Iranians voted Friday in a presidential election dominated by a hard-line protege of Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei after authorities disqualified nearly all of his strongest competition, leading to what appeared to be a low turnout fueled by apathy and calls for a boycott. (AP Photo/Vahid Salemi)

अमेरिका कर चुका है प्रतिबंधित

रईसी की जीत की आधिकारिक घोषणा के बाद वह पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है। उनपर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिये तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था।

चुनाव में किसी उम्मीदवार का शुरुआत में ही हार स्वीकार कर लेना ईरान के चुनावों में कोई नई बात नहीं है। यह बात का संकेत देता है कि सावधानी से नियंत्रित किए गए इस मतदान में रईसी ने जीत हासिल की है। कुछ लोगों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया है। इस बार मतदान प्रतिशत 2017 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले काफी नीचे लग रहा है।

A woman casts her vote during the presidential election at a polling station inside the Iranian consulate in Karbala, Iraq, Friday, June 18, 2021. Iran began voting Friday in a presidential election tipped in the favor of a hard-line protege of Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei, fueling public apathy and sparking calls for a boycott in the Islamic Republic. (AP Photo/Hadi Mizban)

हेम्माती ने दी बधाई

हेम्माती ने शनिवार तड़के इंस्टाग्राम के माध्यम से रईसी को बधाई दी और लिखा, 'मुझे आशा है कि आपका प्रशासन ईरान के इस्लामी गणराज्य को गर्व करने का कारण प्रदान करेगा, महान राष्ट्र ईरान के कल्याण के साथ जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार करेगा।'

रेजाई ने मतदान में हिस्सा लेने के लिए खामेनेई और ईरानी लोगों की ट्वीट करके प्रशंसा की। रेजाई ने लिखा, 'मेरे आदरणीय भाई आयतुल्ला डॉ. सैयद इब्राहीम रईसी का निर्णायक चयन देश की समस्याओं को हल करने के लिए एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार की स्थापना का वादा करता है।'

कट्टरपंथियों की पकड़ होगी मजबूत

रईसी की जीत से ईरान सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी और यह ऐसे समय में होगा, जब ईरान के पटरी से उतर चुके परमाणु करार को बचाने की कोशिश के तहत विश्व शक्तियों के साथ वियना में वार्ता जारी है। ईरान फिलहाल यूरेनियम का बड़े स्तर पर संवर्धन कर रहा है।

इसे लेकर अमेरिका और इजराइल के साथ उसका तनाव काफी बढ़ा हुआ है। माना जाता है कि इन दोनों देशों ने ईरानी परमाणु केंद्रों पर कई हमले किये और दशकों पहले उसके सैन्य परमाणु कार्यक्रम को बनाने वाले वैज्ञानिक की हत्या करवाई।

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