नई दिल्ली: अमेरिका की कार्यशैली खास किस्म की है और वहां दंगे आदि होने के स्थिति को प्रशासन अपनी खास रणनीति से कंट्रोल करता है, हाल ही में अमेरिका के कई राज्य जोरदार दंगों की आग में झुलसे थे, दरअसल वहां एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyds) की मौत हो गई थी,उसकी गर्दन को एक अमेरिकी पुलिस कर्मी ने अपने घुटनों से काफी देर तक दबाया था जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी, जिसके बाद से अमेरिका में हिंसा भड़क उठी थी और जमकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के अलावा हिंसा भी हुई।
अमेरिका के तकरीबन सभी राज्य और खास बड़े शहर हिंसा की आग में झुलस रहे थे, तमाम जगहों पर आगजनी हुई दुकानें,बड़े-बड़े मॉल लूटे गए थे, सरकार को इन हिंसक प्रदर्शनों को रोकना भारी पड़ रहा था और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को भी अपने ही निवास व्हाइट हाउस के बंकर में कुछ देर के लिए रहना पड़ा था।
इसके बाद से अमेरिका प्रशासन ने सख्ती कर इस हिंसा पर काबू पाया और दंगाइयों पर शिकंजा कसा,अब व्हाइट हाउस के पास लेफायेट्टे पार्क में हुए दंगे के आरोपियो के पोस्टर कई जगहों पर लगाए गए हैं, इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एंड्र्यू जैक्सन की प्रतिमा को गिराया है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कई राज्यों में हिंसा हुई थी, उस वक्त उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने उनपर कड़ा एक्शन लिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएए के खिलाफ हिंसा करने वाले आरोपियों की तस्वीरें उनके नाम और पते के साथ राजधानी लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर लगवाया था।
योगी सरकार ने लखनऊ में 57 लोगों की तस्वीरों के साथ शहर भर में होर्डिंग्स लगवाए थे। इन होर्डिंग्स में प्रदर्शनकारियों के नाम और पते भी दिए गए थे, सरकार का कहना था कि वह प्रदर्शन के दौरान संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई इन दंगाइयों से करेगी। इसके लिए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया था, कहा गया था कि ये लोग तय समय में 1 करोड़ 55 लाख 62 हजार 537 रुपए की भरपाई यदि नहीं करते हैं तो सरकार इनकी संपत्तियों को कुर्क करना शुरू करेगी। हालांकि बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उपद्रवियों की पहचान उजागर करने वाले पोस्टर्स हटाने का आदेश दिया था इस मामले को कोर्ट ने खुद संज्ञान में लिया था और योगी सरकार को इन होर्डिंग्स को हटाने का आदेश दिया था।