नई दिल्ली : दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के पास IED ब्लास्ट ने एक बार फिर आतंकी वारदातों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। इस बीच इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद भी चर्चा शुरू हो गई है, जिसकी गिनती दुनिया के सबसे तेज तर्रार व खतरनाक खुफिया एजेंसी के तौर पर होती है। मोसाद के बारे में कहा जाता है कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इसके एजेंट किसी भी हद तक जा सकते हैं।
इजरायल के हितों की रक्षा करना ही इसका सर्वोच्च लक्ष्य होता है और ऐसे में अपने दुश्मनों को नेस्ताबूद करने के लिए यह कार बम, नकली पासपोर्ट से लेकर फोन बम, जहर की सूई तक का इस्तेमाल करती है। बताते हैं कि एक बार अगर कोई मोसाद की निगाह में चढ़ तो उसका बच पाना मुश्किल होता है। ताजा मामले में मोसाद की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरे घटनाक्रम पर उसकी नजर है।
दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के करीब आईडीडी ब्लास्ट की जांच हालांकि अभी भारतीय एजेंसियां ही कर रही हैं, लेकिन ऐसा शायद ही कोई मामला होता है, जिसमें इजरायल के ठिकाने और देश से जुड़े लोगों पर हमले से जुड़ी घटनाओं पर मोसाद की नजर नहीं होती। ऐसे मामलों की जांच मोसाद समानांतर करती है। ऐसे में दिल्ली के इजरायली दूतावास के पास आईईडी ब्लास्ट से जुड़ी इस घटना पर भी मोसाद करीब से नजर बनाए है।
इससे पहले फरवरी 2012 में जब दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के पास सिग्नल पर रुकी इजरायली राजनयिक की गाड़ी में मैग्नेटिक स्टिकर लगाकर विस्फोट किया था, तब भी मोसाद की जांच से ही यह सामने आया था कि इसमें ईरान का हाथ था। हालांकि ईरान ने आठ साल पुरानी उस घटना में अपनी किसी भी तरह की संलिप्तता होने से इनकार किया था। अब एक बार फिर दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के करीब आईडीडी ब्लास्ट की घटना पर मोसाद करीब से नजर बनाए हुए है। यह विस्फोट भारत-इजरायल राजनयिक संबंधों की 29वीं वर्षगांठ पर हुआ।
बताया जाता है कि अपना प्रतिशोध पूरा करने के बाद इजरायली खुफिया एजेंट इन परिवारों को बुके साथ एक संदेश भी भेजते थे, जिसमें यह लिखा होता था कि वे न भूलते हैं और न ही माफ करते हैं। इजरायल में मोसाद का मुख्यालय तेल अवीव शहर में है, जबकि इसके एजेंट दुनियाभर में फैले होते हैं। मोसाद दुनिया में हर उस जगह तक अपनी पहुंच व नजर रखता है, जहां इजरायली नागरिक रहते हैं या कोई इजरायली प्रतिष्ठान होता है।