इस्लामाबाद: कश्मीर मुद्दे को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने एक बार फिर पाकिस्तान को झटका दिया है। शुक्रवार से नाइजर की राजधानी निमय में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक के एजेंडे में कश्मीर मुद्दे को शामिल नहीं किया गया है। ओआईसी के इस फैसले को पाकिस्तान के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। सऊदी अरब सीएफएम की बैठक की अगुवाई कर रहा है।
पाकिस्तान को झटका
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने गुरुवार को बताया कि रियाद में घोषित एजेंडे में ओआईसी का जो बयान जारी हुआ है उसमें कश्मीर का कोई जिक्र नहीं है। अखबार ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर संपर्क समूह की बैठक के लिए पाकिस्तान के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और इसमें शामिल होने के लिए वह बुधवार को ही इस्लामाबाद से रवाना हो गए।
कुरैशी बोले- कश्मीर पर करेंगे बात
नाइजर रवाना होने से पहले, कुरैशी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह दो दिवसीय बैठक में कश्मीर मुद्दे और इस्लामोफोबिया के बारे में बात करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं बैठक में कश्मीर मुद्दे और इस्लामोफोबिया पर ध्यान केंद्रित करूंगा। हम बैठक में मुस्लिम उम्माह (राष्ट्र) के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा करेंगे।' हालांकि कुरैशी का यह बयान ओआईसी द्वारा जारी किए गए बयान के बिल्कुल उलट है।
भारत के लिए जीत
विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान वह इस्लामिक देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। उन्होंने कहा, 'ओआईसी के सदस्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे और मुस्लिम बहुल देशों द्वारा संयुक्त रूप से इसे विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।' पाकिस्तान लगातार कश्मीर का अंतर्राष्ट्रीकरण करने में जुटा रहता है लेकिन हर तरफ से उसे मुंह की खानी पड़ी है। ओआईसी के इस फैसले को भारत के लिए जीत के रूप में देखा जा रहा है।