Who is Mullah Baradar: 'मुल्ला बरादर' के बारे में जाने ये जानकारियां, बन सकते हैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति

दुनिया
रवि वैश्य
Updated Aug 15, 2021 | 20:42 IST

Who Is Mullah Abdul Ghani Baradar:तालिबान कमांडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति बन सकते हैं, जानें उनसे जुड़ी अहम जानकारियां...

Mullah Abdul Ghani Baradar
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को मुल्ला बरादार या मुल्ला ब्रदर भी कहा जाता है 
मुख्य बातें
  • मुल्‍ला बरादर को मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक बताया जाता है
  • कहा जा रहा है कि तालिबान ने उन्‍हें भावी राष्‍ट्रपति घोषित किया है 
  • मुल्ला बरादर को 2010 में आईएसआई ने कराची से गिरफ्तार कर लिया था

Mullah Abdul Ghani Baradar Kaun Hai: तालिबान कमांडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति बन सकते हैं क्योंकि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अशरफ गनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, तालिबान के कुछ ही दिनों में एक प्रांत के बाद एक प्रांतों पर हमले के बाद गनी असहाय हो गए थे।

कई शहरों में पस्त अफगान सेना ने बिना कोई प्रतिरोध किए तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि काबुल को आधिकारिक तौर पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अफगान राजधानी को विद्रोहियों ने चारों तरफ से घेर लिया है।

तालिबान ने उन्‍हें भावी राष्‍ट्रपति घोषित किया है

अफगानिस्‍तान में सत्‍ता हस्‍तांतरण के बाद तालिबान की कमान जिन लोगों को सौंपी जाएगी, उनमें मुल्‍ला बरादर एक है कहा जा रहा है कि तालिबान ने उन्‍हें भावी राष्‍ट्रपति घोषित किया है। 

कौन हैं मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Who is Mullah Abdul Ghani Baradar)

मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, जिसे मुल्ला बरादार या मुल्ला ब्रदर भी कहा जाता है, अब्दुल गनी बरादर को मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक बताया जाता है। वह अंतरिम तालिबान सरकार के वर्तमान अध्यक्ष हैं वह मुल्ला मोहम्मद उमर के डिप्टी थे, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर चार लोगों में से एक है जिसने 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान आंदोलन की शुरुआत की थी।

अब्दुल गनी बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख भी है दुनिया के अन्य मुल्कों से बातचीत की जिम्मेदारी अब्दुल गनी के हाथों में ही है, इस समय वह तालिबान के शांति वार्ता दल का नेता है। 

मुल्ला बरादर को 2010 में कराची से गिरफ्तार कर लिया था

मुल्ला बरादर को 2010 में आईएसआई ने कराची से गिरफ्तार कर लिया था बाद में 2018 में पाकिस्तान ने उसे रिहा कर दिया था।अब मुल्‍ला बरादर तालिबान की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के अलावा सैन्‍य अभियानों का भी नेतृत्‍व करता है। तालिबान के काबुल में प्रवेश करने की खबरों के बीच काबुल में तनाव भी बढ़ता जा रहा है गौर हो कि अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्‍तान क्‍या छोड़ा, 4 महीने में तालिबानी काबुल तक पहुंच गए हैं और वहां की सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं।

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