Kulbhushan Jadhav Case: कुलभूषण जाधव के मामले में भारत की बड़ी जीत, रिव्यू याचिका फाइल करने की अनुमति

दुनिया
किशोर जोशी
Updated Jul 16, 2020 | 20:14 IST

कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को बड़ी सफलता मिली है। काउंसलर एक्सेस के बाद पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है और जाधव को समीक्षा याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है।

Kulbhushan Jadhav Case India Pressure on Pakistan works and review of death sentence
कुलभूषण केस: भारत की बड़ी जीत, होगी मौत की सजा पर समीक्षा 
मुख्य बातें
  • भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मिला काउंसलर एक्सेस
  • भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान में अज्ञात जगह पर की मुलाकात
  • पाकिस्तान का झूठ हुआ बेनकाब, जाधव को रिव्यू पिटीशन की अनुमति

इस्लामाबाद: भारतीय नागरिक और नौसेना के पूर्व कर्मचारी कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को बड़ी सफलता मिली है। गुरुवार को पहले बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दवाब के बाद पाकिस्तान ने भारत को दूसरी बार काउंसर एक्सेस दिया जिसके बाद जाधव को समीक्षा याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया ने एक अन्य अधिकारी के साथ जाधव से पाकिस्तान में एक अज्ञात जगह पर मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने जाधव के साथ कम से कम दो घंटे बिताए।

अज्ञात जगह पर हुई मुलाकात

हालाँकि, इस्लामाबाद ने दावा किया कि गुरुवार दोपहर 3 बजे जाधव के लिए निर्बाध और कांसुलर एक्सेस प्रदान किया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के दो कांसुलर अधिकारियों को जाधव के लिए निर्बाध कांसुलर एक्सेस प्रदान किया गया।' जाधव से किस जगह पर मुलाकात हुई, अभी इस बारे में पता नहीं चल सका है। दो अधिकारियों की कार को विदेश मंत्रालय की पार्किंग में पार्क कर कार से अलग जगह पर पहुंचाया गया।

दूसरी बार काउंसलर एक्सेस

इससे पहले दो सितंबर 2019 को पहली बार कुलभूषण जाधव को काउंसर एक्सेस मुहैया कराया गया था। जाधव को जासूसी एवं आतंकवाद के झूठे आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके कुछ ही हफ्तों बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं किये जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया था जहां पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी।

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