अमेरिका-यूरोप से दशकों आगे निकल जाएगा चीन, उसकी यह तकनीक पश्चिमी देशों की बढ़ाएगी टेंशन

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक गुइलाई ने कहा कि यह आवाज की गति से 30 गुना ज्यादा है। इस टनल में विमानों की गति का परीक्षण 30 मैक तक किया जा सकेगा।

Mach 30 ‘tunnel’ will put China about 20 to 30 years ahead of other powers
अमेरिका-यूरोप से दशकों आगे निकल जाएगा चीन। तस्वीर- Handout 
मुख्य बातें
  • चीन आने वाले दिनों में अपने एक नए विंड टनल का उद्घाटन करने वाला है
  • जेएफ-22 नाम के इस टनल में हाइपरसोनिक गति की टेस्टिंग करेगा चीन
  • आवाज की गति से 30 गुना ज्यादा है तकनीक का चीन करेगा परीक्षण

हांगकांग : चीन के एक वैज्ञानिक का दावा है कि बीजिंग आने वाले दिनों में अपने एक नए विंड टनल का उद्घाटन करने वाला है और यह टनल हाइपरसोनिक तकनीक के मामले में बीजिंग को दुनिया के बाकी देशों से दशकों आगे कर देगा। चीन के साइंस अकादमी के रिसर्चर हान गुइलाई ने पिछले सप्ताह एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कहा कि बीजिंग हुआइरो जिले में टनल बना रहा है। इस टनल का नाम जेएफ-22 है। इस टनल में विमान प्रति सेकेंड 10 किलोमीटर तक की गति पर पहुंच सकता है। 

आवाज की गति से 30 गुना ज्यादा है यह तकनीक
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक गुइलाई ने कहा कि यह आवाज की गति से 30 गुना ज्यादा है। इस टनल में विमानों की गति का परीक्षण 30 मैक तक किया जा सकेगा। इस तकनीक के सफल हो जाने पर चीन पश्चिमी दुनिया से करीब 20 से 30 साल आगे निकल जाएगा।  इस तकनीक के बाद चीन अपने सुपरसोनिक विमानों को दुनिया के किसी भी हिस्से में दो घंटे से भी कम समय में पहुंचा सकेगा। 

अंतरिक्ष की यात्रा आसान होगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तकनीक सामान्य लोगों के लिए अंतरिक्ष की यात्रा आसान करेगी क्योंकि इस तकनीक से हाइपरसोनिक एयरक्राफ्ट के निर्माण में 90 प्रतिशत की कमी हो सकती है। खास बात यह है कि यह तकनीक हथियारों के निर्माण में भी काफी अहमियत रखती है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्राथमिकता अपने सशस्त्रबलों को आधुनिक बनाने की है। वह साल 2050 तक एक 'विश्व स्तरीय सेना' चाहते हैं जो अमेरिका के मुकाबले खड़ी हो सके। 

हथियारों के निर्माण में चीन कर सकता है इसका इस्तेमाल
बता दें कि विगत वर्षों में चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने के लिए बड़ी रकम एवं समय का निवेश किया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन की मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-17 जिसे 'कैरियर किलर' नाम से जाना जाता है, उसमें यदि यह तकनीक लग जाती है तो इसकी मारक क्षमता से शायद ही कोई युद्धपोत बच सकेगा। डीएफ-17 के बारे में कहा जाता है कि वह बिना वारहेड के भी अमेरिकी नौसेना की यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ट को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।   

टनल में परीक्षण की तैयारी में जुटे वैज्ञानिक
चीन इस टनल जेएफ-22 में विमानों का परीक्षण कब शुरू करेगा इसकी अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है लेकिन वैज्ञानिक एक दूसरे विंड टनल जेएफ-12 के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इसकी तैयारी में जुटे हैं। इस टनल में उच्च गति वायु का प्रवाह बनाने के लिए बीजिंक यांत्रिक कम्प्रेसर की जगह रासायनिक विस्फोटों का उपयोग करता है। JF-22 में ईंधन एक नियमित गैस स्टोव की तुलना में 100 मिलियन गुना तेज गति से जलता है। यह वैसा ही शॉक वेव्स पैदा करता है जैसा कि हाइपरवेलोसिटी पर एक जेट शॉक वेव्स छोड़ता है। 

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