इस्लामाबाद : जमीयत उलेमा ए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) कके प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान का 'आजादी मार्च' का कांरवा गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचने वाले है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भ्रष्टाचार के विरोध में मौलाना अपने हजारों समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरे हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान का इस्तीफा मांग रहे हैं। मौलाना का आरोप है कि इमरान ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है और उनकी अगुवाई में देश की आर्थिक हालत डवांडोल हो ई है। मौलाना ने इमरान खान पर आरोप लगाया है कि वह उनका चुनाव जनता ने नहीं बल्कि सेना ने किया है।
बता दें कि मौलाना का 'आजादी मार्च' सिंध से रवाना हुआ है और यह पिछली रात लाहौर से इस्लामाबाद के लिए कूच किया। इस आंदोलन का समापन गुरुवार को राजधानी इस्लामाबाद में होना है। इसके पहले सत्तारूढ़ दल और विपक्षी पार्टियों के बीच सहमति बनी कि जब तक प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद के 'रेड जोन' में दाखिल नहीं होते तब तक सरकार विरोधी मार्च को जारी रहने देना चाहिए। गुरुवार सुबह यह मार्च गुजर खान पहुंचा और यहां से यह इस्लामाबाद के रास्ते पर है।
मौलाना का दावा है कि उनके इस मार्च को विपक्षी पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का समर्थन प्राप्त है। जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ इस्लामाबाद में मौलाना के 'आजादी मार्च' में हिस्सा लेंगे। पीएमएल-एन के एक सूत्र ने कहा कि मार्च में हिस्सा लेने के लिए शरीफ दोपहर बाद लाहौर से इस्लामाबाद के लिए रवाना होंगे। शरीफ रैली में लोगों को संबोधित कर सकते हैं।
इस बीच, गृह मंत्री ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) एजाज शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'आजादी मार्च' जब इस्लामाबाद पहुंचेगा तो उसे सुरक्षा प्रदान की जाएगी। शाह ने कहा, 'यदि उम्मीद से अधिक लोग आते हैं तो हम उन्हें ज्यादा जगह उपलब्ध कराएंगे। हम उन्हें इस तरह की सुविधा देंगे कि उन्हें लगेगा कि वह पंच सितारा होटल में हैं।' उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें 'डी चौक' में दाखिल होने दिया जाए लेकिन यह संभव नहीं है।
समझा जाता है कि 'आजादी मार्च' के अंतिम दिन गुरुवार को इस्लामाबाद में करीब एक लाख प्रदर्शनकारी जुट सकते हैं। मौलाना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार और इमरान खान के चुनाव पर सवाल उठाए हैं। फजलुर रहमान का आरोप है कि 'इमरान खान का पीएम पद पर चुनाव फर्जी तरीके से हुआ। खान को पीएम जनता ने नहीं बल्कि सेना ने किया।'