Nepal Map:क्या भारत के साथ नक्शा विवाद नेपाली पीएम के पी शर्मा ओली के लिए मजबूरी थी, सनसनीखेज जानकारी आई सामने

दुनिया
ललित राय
Updated Jun 09, 2020 | 00:13 IST

Nepal map revised: नेपाल ने अपना संशोधित नक्शा संसद में पेश किया है जिसमें भारत के कालापानी , लिपुलेख और लिम्पियोधुरा को उसने अपने हिस्से में दिखाया है।

Nepal Map:क्या भारत के साथ नक्शा विवाद नेपाली पीएम के पी शर्मा ओली के लिए मजबूरी थी, सनसनीखेज जानकारी आई सामने
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मुख्य बातें
  • काठमांडू पोस्ट का दावा, कुर्सी बचाने के लिए के पी शर्मा ओली ने भारत विरोध को दी हवा
  • नेपाली संसद ने संशोधित नक्शे को किया पारित, भारत दर्ज करा चुका है विरोध
  • कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपना बताया

नई दिल्ली। नेपाल, भारत के सदाबहार दोस्तों में से एक है। भारत और नेपाल के बीच संबंध सिर्फ पन्नों पर लिखी हुई कुछ इबारतें नहीं हैं बल्कि रोटी और बेटी का नाता है। लेकिन जिस तरह से नेपाल ने हाल ही में भारत के कुछ हिस्सों को अपने नक्शे में दिखाया और इसके लिए संसद में संविधान संशोधन पेश किया तो हर कोई हैरत में था कि आखिर नेपाल ने इस तरह का कदम क्यों उठाया। नेपाली पीएम के पी शर्मा ओली के लिए वो क्या मजबूरी थी। इस विषय से काठमांडू पोस्ट ने पर्दा उठाया है। 

के पी शर्मा ओली की कुर्सी पर था खतरा
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक के पी शर्मा ओली को विपक्ष के विरोध के साथ साथ अपनी पार्टी में बगावत झेलनी पड़ रही थी। उनके सामने इन दोनों चुनौतियों से निपटने की मजबूरी थी। इस तरह के हालात के बीच उन्हें अहसास हुआ कि अगर वो लोगों की भावना से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं तो विपक्ष और पार्टी के बागी लोगों के सामने समर्थन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।

कोरोना और भारत विरोध को बनाया हथियार
नेपाली पीएम ओली कोरोना के खिलाफ अपनी सरकार की तैयारियों और कार्रवाई का जिक्र करना शुरू किया तो दूसरी तरफ भारत के साथ सीमा विवाद का ट्रंप कार्ड चला। उसका असर यह हुआ कि नेपाली जनमानस को वो यह समझाने में कामयाब हुए कि वो तो नेपाल की बेहतरी चाहते हैं। लेकिन विपक्षी दल उनकी मुहिम को कुंद करने में जुटे हुए हैं। लेकिन संसद में संशोधित नक्शा को पारित कराने का मौका आया तो सत्ता पक्ष या विपक्ष हर किसी के लिए इस मुद्दे पर एक साथ आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। विरोध करने का मतलब साफ था कि नेपाली जनता के सामने वो तमाम लोग देशविरोधी साबित हो जाते नक्शे का समर्थन नहीं करते।  

के पी शर्मा ओली को तात्कालिक राहत
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक विपक्षी दलों का कहना है कि फिलहाल भले ही ओली को थोड़ी बहुत राहत मिल गई हो लेकिन विरोझ जारी रहेगा। इसके साथ नेपाली कम्यूनिस्ट पार्टी के अंदर ओली विरोधी धड़े का मानना है कि इसके जरिए तात्कालिक तौर पर चुप कराने की कोशिश की गई है। लेकि विरोध जारी रहेगा। इसका अर्थ यह है कि के पी शर्मा ओली आने वाले समय में खुद को बचाए रखने के और अधिक भारत विरोधी रुख पर काम कर सकते हैं। ।

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