प्योंगयांग : उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच एक बार फिर जुबानी जंग तेज होती नजर आ रही है, जिस पर बीते साल (12 जून, 2018) सिंगापुर में किम जोंग-उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद विराम लगता नजर आया था। हालांकि दोनों देशों के बीच उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों को लेकर वार्ता के अन्य दौर बेनतीजा रहे, जिसके बाद उनके बीच एक बार फिर तल्खी देखी जा रही है।
उत्तर कोरिया ने हाल ही में चेताया था कि अगर अमेरिका के साथ जल्द ही परमाणु वार्ता किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंचती है और ट्रंप प्रशासन साल खत्म होने से पहले परमाणु कार्यक्रम को लेकर पर्याप्त रियायतें देने में विफल रहता है तो वह परमाणु और लंबी दूरी के मिसाइल के परीक्षणों पर लगी रोक हटा लेगा। 'क्रिसमस गिफ्ट' का जिक्र करते हुए उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया कि यह अमेरिका पर निर्भर करता है कि उसे क्रिसमस पर कौन सा उपहार चाहिए। उत्तर कोरिया के इस बयान को सीधे तौर पर अमेरिका के लिए चेतावनी की तरह देखा गया।
अब उत्तर कोरिया ने एक बार फिर कहा है कि अमेरिकी नेतृत्व ने उसके नेता के खिलाफ गलत बयानबाजी की तो वह भी पीछे नहीं हटेगा। उत्तर कोरिया का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा कि किम रॉकेट भेजना पसंद करते हैं, इसलिए उन्होंने 2017 में उन्हें 'रॉकेटमैन' कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी हालिया लंदन दौरे के दौरान आई, जिसमें उन्होंने यह भी कहा, 'हमारे पास अब तक की सबसे शक्तिशाली सेना है और हम दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश हैं, हम इसका उपयोग नहीं करने की उम्मीद करते हैं, लेकिन अगर हमने ठान लिया तो ऐसा करके ही रहेंगे।'
ट्रंप के इस बयान के बाद उत्तर कोरिया ने कहा है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति उसे उकसाने वाली बयानबाजी करते रहेंगे तो उन्हें से 'सठियाया हुआ' कहा जाएगा। उत्तर कोरिया की ओर से यह बयान प्रथम उप विदेश मंत्री चोई सोन-हुई ने दिया है, जिन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान उत्तर कोरिया के लोगों को उकसाते हैं और अमेरिका के प्रति घृणा बढ़ाते हैं, क्योंकि वह उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेतृत्व के बारे में बोलते समय गरिमा का ख्याल नहीं रखते।