अब पाकिस्तान में इमरान के खिलाफ किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, जानिए वजह

दुनिया
किशोर जोशी
Updated Mar 20, 2021 | 09:19 IST

पाकिस्तान में रोजमर्रा की चीजों की बढ़ती कीमतों से आम जनता बुरी तरह प्रभावित है। शुक्रवार को मुल्तान शहर में किसानों ने इमरान सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाला।

Pakistan farmers hold tractor rally against Imran Khan regime to protest price hikes in Multan
अब पाकिस्तान में इमरान के खिलाफ निकला ट्रैक्टर मार्च 
मुख्य बातें
  • भारत की तरह अब पाकिस्तान में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
  • मुल्तान शहर में बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे
  • बढ़ती महंगाई से परेशान किसानों ने इमरान सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

कराची: पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को कृषि उत्पादों से लेकर ईंधन तक और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में एक किसान यूनियन ने मुल्तान में ट्रैक्टर रैली निकाली। आंदोलनकारी किसानों ने इमरान खान को अल्टीमेटल देते हुए कहा है कि यदि 31 मार्च तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वो फिर धरना देंगे।

सड़कों पर नजर आए ट्रैक्टर

खबरों के अनुसार, किसान इत्तेहाद बिजली, उर्वरक, कृषि उत्पादों और डीजल की कीमतों में वृद्धि के विरोध में अपने ट्रैक्टरों को सड़कों पर ले आए।  रैली के दौरान वे इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी की गई और कई प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां भी थाम रखी थीं। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने बहुत सस्ती दरों पर कृषि जिंसों को खरीदा है, इतना ही नहीं किसानों को इससे राहत भी नहीं मिल पाई है।

किसानों की मांग

 घाटे को बनाए रखने के बावजूद, किसान डीजल, बिजली और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों का भुगतान करने के लिए मजबूर हैं।  किसानों में से एक ने कहा, "सब कुछ इतना महंगा है, कृषक समुदाय की हालत खस्ता है।'  किसानों ने नलकूप चलाने के लिए बिजली बिल में छूट के साथ-साथ बिजली, उर्वरक, और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग की है।

कोविड से हालात हुए और बदतर

आपको बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई इस समय चरम पर है। महंगाई के साथ- साथ पाकिस्तान कई और भी आंतरिक मुद्दों से जूझ रहा है। देश में कोविड टीकाकरण की हालत बिल्कुल सही नहीं है। हालांकि पाकिस्तान को दान के रूप में चीन से 10 लाख वैक्सीन डोज मिले हैं। साथ ही उसे अभी अंतरराष्ट्रीय सहयोग योजना के तहत और भी वैक्सीन डोज मिलने है। वैसे साल की शुरूआत में किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया था कि लगभग आधे नागरिकों ने टीके लगवाने को लेकर संदेह जताया था।

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