'पाकिस्‍तान में हैं आतंकवाद की जड़ें, अल्‍पसंख्‍यकों का सुनियोजित तरीके से किया जा रहा जनसंहार'

दुनिया
Updated Sep 12, 2019 | 15:16 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

आतंकवाद को लेकर पहले से ही दुनियाभर की फजीहत झेल रहा पाकिस्‍तान एक बार फिर इस पर घिर गया है। वह अल्‍पसंख्‍यकों के 'सुनियोजित तरीके से जनसंहार' को लेकर भी निशाने पर है।

Samad Baloch
बलूच मानवाधिकार परिषद के महासचिव समद बलूच  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • आतंकवाद और अल्‍पसंख्‍यकों के साथ ज्‍यादती को लेकर पाकिस्‍तान निशाने पर है
  • बलूच कार्यकर्ता का कहना है कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्‍तान में गहरे समाई हैं
  • उनका कहना है कि पाकिस्‍तान में सुनियोजित तरीके से अल्‍पसंख्‍यकों का जनसंहार किया जाता है

जेनेवा : कश्‍मीर पर भारत के फैसले से बौखलाया पाकिस्‍तान नई दिल्‍ली के खिलाफ दुष्‍प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। वह दुनिया को लगातार यह यकीन दिलाने की कोशिश कर रहा है कि कश्‍मीर में स्‍थानीय लोगों के साथ 'ज्‍यादती' हो रही है तो अपनी सरजमीं पर वह विभिन्‍न समुदायों के साथ किस तरह का बर्ताव करता है, उसे लेकर खुद निशाने पर है। बलूच कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्‍तान की धरती पर आतंकवाद खूब प्रश्रय पा रहा है तो वहां अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकार भी सुरक्षित नहीं हैं, बल्कि उनका 'सुनियोजित तरीके से जनसंहार' किया जाता है। उनका यह भी कहना है कि पाकिस्‍तान एक ऐसा देश है, जहां कानून-व्‍यवस्‍था नाम की कोई चीज नहीं है।

बलूच मानवाधिकार परिषद के महासचिव समद बलूच ने आतंकवाद और 'अल्‍पसंख्‍यकों के साथ ज्‍यादती' के मुद्दे पर पाकिस्‍तान को घेरा और कई गंभीर आरोप लगाए। उन्‍होंने कहा, 'हमने बहुत तकलीफ झेली है। हमारे सामाजिक-सांस्‍कृतिक, आर्थिक अधिकार छीन लिए गए हैं। बलूचिस्‍तान को लूटा गया है। उन्‍होंने हमारे संसाधन लूट लिए हैं। खनिज और प्राकृतिक संसाधनों के मामले में बलूचिस्‍तान काफी समृद्ध है, फिर भी वहां के लोग पीड़ा झेलने को मजबूर हैं।' उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान वास्‍तव में आतंकवाद का 'प्रजनन केंद्र' है, जहां इसे खूब प्रोत्‍साहन मिल रहा है।

समद बलूच ने कहा कि पाकिस्‍तान केवल बलूच लोगों का ही जनसंहार नहीं कर रहा है, बल्कि यह वहां सिंध‍ी समुदाय के लोगों और पश्‍तूनों पर भी जुल्‍म ढा रहा है। यह अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय के लिए भी बड़ा खतरा है, क्‍योंकि यह एक ऐसा देश है, जहां कानून-व्‍यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। समद के साथ-साथ कई अन्‍य कार्यकर्ताओं ने भी पाकिस्‍तान में विभिन्‍न धार्मिक समूहों के खिलाफ ज्‍यादती को लेकर इस्‍लामाबाद के खिलाफ आवाज उठाई है।

पाकिस्‍तान में आतंकवाद और अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ ज्‍यादती को लेकर उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि इमरान खान की सरकार ने कश्‍मीर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद में डॉजियर सौंपा है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्‍मीर पर जो गलतबयानी की, उसका भारत की ओर से करारा जवाब दिया गया। कुरैशी जब यूएन सत्र को संबोधित कर रहे थे, तब भी पाकिस्‍तान में मानवाधिकारों की खराब हालत को लेकर इस वैश्विक संस्‍था के बाहर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया।

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