भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आर्थिक व सामाजिक कई मोर्चों पर बेहाल नजर आ रहा है बावजूद इसके पाकिस्तानी पीएम इमरान खान देश के हालात बेहतर बताते नहीं थक रहे हैं, वहां पर अपने खिलाफ देश में उठ रहे असंतोष को दबाने की खातिर वो कोई भी कदम उठाने में हिचक नहीं रहे हैं इसी क्रम में अब उनका शिकंजा गैर सरकारी संगठनों (NGO) पर कस रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इमरान खान ने कुछ एनजीओ पर संगीन आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि ये संगठन ना केवल देश के खिलाफ काम कर रहे हैं बल्कि शत्रु देश के एजेंडे को लागू करने की कोशिशों में जुटे हैं जिसे स्वीकारा नहीं जाएगा, बताया जा रहा है कि देश में पनप रही विद्रोह और असंतोष की अवाज को दबाने और जनता का ध्यान बंटाने के लिए इमरान ऐसा कर रहे हैं।
इमरान खान ने आरोप लगाया कि एनजीओ को 'दुश्मनों के एजेंडा' को बढ़ावा देने के लिए विदेशी पैसा मिल रहा है और ये एनजीओ राज्य के खिलाफ काम कर रहे हैं एक अनुमान के मुताबिक पाक सरकार साल 2018 से लेकर अब तक सरकार 18 अंतरराष्ट्रीय एनजीओ को देश छोड़ने का फरमान सुना चुकी है।
इमरान खान ने एनजीओ की विदेशी फंडिंग के मुद्दे को पिछले महीने ही एक कैबिनेट बैठक में उठाया था वहीं पाकिस्तान में साउथ एशिया पार्टनरशिप के कार्यकारी निदेशक मुहम्मद तहसीन ने कहा- 'जिस तरह से इमरान सरकार ने कई अंतरराष्ट्रीय एनजीओ पर प्रतिबंध लगाया है और स्थानीय एनजीओ के लिए परेशानी खड़ी कर रही है, वह चिंताजनक है।'