कंगाली से जूझ रहा PAK अब करतारपुर श्रद्धालुओं से भी करेगा वसूली

दुनिया
Updated Sep 12, 2019 | 16:08 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

आर्थिक बदहाली से गुजर रहा पाकिस्‍तान अब करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं से भी रकम वसूलेगा, जबकि भारत श्रद्धालुओं पर किसी भी तरह का चार्ज लगाए जाने के खिलाफ है।

Mohamad Faisal
पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद फैसल  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • पाकिस्‍तान ने कहा है कि वह करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के श्रद्धालुओं से शुल्‍क लेगा
  • पाकिस्‍तान ने श्रद्धालुओं से करीब 1,400 रुपये सर्विस चार्ज लेने की बात कही है
  • भारत हालांकि श्रद्धालुओं पर किसी भी तरह का शुल्‍क लगाए जाने के पक्ष में नहीं है

इस्‍लमाबाद : आर्थिक तंगी से गुजर रहा पाकिस्‍तान अब करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं से भी कुछ न कुछ वसूलने की योजना बना रहा है। पाकिस्‍तान ने गुरुवार को कहा कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु से सर्विस चार्ज के तौर पर 20-20 डॉलर लिया जाएगा। पाकिस्‍तान की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्‍त कार्रवई नहीं करने को लेकर वह पहले ही अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय के निशाने पर है और उस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से ब्‍लैक लिस्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद फैसल ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्‍तान करतार साहिब गुरुद्वारा पहुंचने वाले हर श्रद्धालु से 20-20 डॉलर वसूल करेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह बस सर्विस चार्ज होगा, न कि प्रवेश शुल्‍क के तौर पर यह रकम वसूली जाएगी। भारतीय मुद्रा में यह राशि तकरीबन 1,400 रुपये होती है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने इस दौरान यह भी कहा कि पाकिस्‍तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को दूसरी बार राजनयिक पहुंच नहीं दी जाएगी। इससे पहले पाकिस्‍तन अंतरराष्‍ट्रीय न्‍याय अदालत (ICJ) के दखल पर जाधव को काउंसलर एक्‍सेस देने को तैयार हुआ था। 

पाकिस्‍तान ने बीते सप्‍ताह जाधव को राजनयिक पहुंच दी थी, जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जराी बयान में कहा गया कि इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी से मुलाकात के दौरान जाधव काफी दबाव में दिखे। भारत जाधव को अपना जासूस मानने से इनकार करता है। उसका कहना है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव अपने व्‍यावसायिक कारोबार के सिलसिले में ईरान में थे, जहां से पाकिस्‍तान ने उन्‍हें अगवा किया।

वहीं, करतारपुर कॉरिडोर पर भारत और पाकिस्‍तान कई अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण किसी भी समझौते को अंतिम रूप देने में विफल रहे। गृह मंत्रालय में वरिष्‍ठ अधिकारी बीसीएल दास का कहना है कि भारत श्रद्धालुओं पर किसी भी तरह का चार्ज लगाने के पक्ष में नहीं है। इसके अतिरिक्‍त गुरुद्वारा परिसर में भारतीय उच्‍चायोग के अधिकारियों या प्रोटोकॉल अधिकारियों को भी प्रवेश की अनुमति देने का अनिच्‍छुक है, जिसे लेकर भी भारत का रुख अलग है।

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