Pakistan: धर्म नहीं बदला तो साथियों से अपमानित और प्रताड़ित हुई ईसाई महिला पत्रकार, छोड़ दी नौकरी

दुनिया
Updated Nov 18, 2019 | 19:36 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Minority in Pakistan : पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की हालत अत्यंत खराब है। यहां उनके साथ अमानवीय और दोयम दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार किया जाता है। अब एक ईसाई महिला पत्रकार को निशाना बनाया गया है।

Pakistani Chriastian journalist harrased at work resigns धर्म नहीं बदला तो साथियों से अपमानित और प्रताड़ित हुई ईसाई महिला पत्रकार, छोड़ दी नौकरी
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर होते हैं हमले।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • ईसाई महिला पत्रकार ने शादी के बाद अपना धर्म नहीं था छोड़ा
  • कार्यस्थल पर उसके साथी करते थे उसे प्रताड़ित और अपमानित
  • पाकिस्तान में आए दिन अल्पसंख्यक समुदाय को बनाया जाता है निशाना

लाहौर : पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ कितनी ज्यादती और उत्पीड़न होता है इसका एक और जीता-जागता उदाहरण सामने आया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यहां एक ईसाई समुदाय की महिला पत्रकार को अपनी नौकरी से इस्तीफा केवल इसलिए देना पड़ा क्योंकि उसने एक मुस्लिम पुरुष से शादी करने के बाद अपना धर्म कबूल नहीं किया। इस्लाम धर्म नहीं अपनाने पर साथियों की तरफ से उसे मानसिक प्रताड़ना दी गई और कार्यस्थल पर उसे अपमानित किया गया। जब प्रताड़ना बर्दाश्त के बाहर हो गई तो उसने अपनी नौकरी से त्यागपत्र देना ही उचित समझा।   

38 साल की गोनिला गिल ने मुस्लिम युवक हसनैन जामिल से शादी की है लेकिन शादी के बाद उसने अपना धर्म नहीं छोड़ा। यह बात उसके मुस्लिम साथियों को पसंद नहीं आई। वे कार्यस्थल पर गोनिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित और अपमानित करने लगे। गोनिला की यह प्रताड़ना इतनी बढ़ गई कि उसने एक दिन अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। गोनिला लाहौर प्रेस क्लब से पंजीकृत होने वाली इकलौती इसाई हैं।  जमील के मुताबिक, 'गोनिल कहती है कि ऑफिस के लोग दुष्ट प्रकृति के हैं। वे मेरी आस्था के बारे में बेकार की बातें करते हैं। फिर भी मैं उम्मीद नहीं छोड़ूंगी और अपने धर्म के प्रति दृढ़ रहूंगी।' 

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत अच्छी नहीं है। यहां आए दिन उन पर अत्याचार की बातें सामने आती रही हैं। पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहां मुस्लिम नागरिक अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले और उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लेते हैं। प्रशासन की तरफ से भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता। 

हाल के समय में पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण की कई घटना सामने आई हैं। यहां हिंदू एवं सिख समुदाय की कई लड़कियों को मुस्लिम युवकों से जबरन शादी कर उनका धर्म परिवर्तन किया गया है। पाकिस्तान में अहमदिया, सुन्नी, शिया और सिख समुदाय को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है। अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा देने की पाकिस्तान सरकार की पोल उस समय खुल गई जब प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक पूर्व विधायक ने भारत में राजनीतिक संरक्षण देने की मांग की। पाकिस्तान तहरीक एक इंसाफ पार्टी के पूर्व विधायक बलदेव कुमार पिछले महीने अपने परिवार के साथ भारत आए थे और उन्होंने खुद को राजनीतिक शरण देने की मांग की।  

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