वाशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ईरान को अमेरिकी बंधक माइकल व्हाइट को रिहा करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि, 'यह दिखाता है कि एक डील संभव है'। ट्रंप ने ट्वीट किया, 'मैंने पूर्व अमेरिकी बंधक माइकल व्हाइट के साथ फोन पर बात की, जो ईरान से रिहा होने के बाद अब ज्यूरिख में है। वह जल्द ही एक अमेरिकी विमान पर होगा, और घर आ रहा है ...।'
ईरान के साथ डील करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'जब से मैंने पदभार संभाला है... संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए! हम अब तक 40 से अधिक अमेरिकी बंधकों और बंदियों को घर वापस ले आए हैं। ईरान को धन्यवाद, यह दिखाता है कि एक डील संभव है!'
कैदी की अदला-बदली के मुद्दे पर, ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि ईरानी बंधकों को भी अमेरिका की ओर से घर भेजने की योजना है।
ज़रीफ़ ने ट्वीट किया, 'खुशी है कि डॉ. माजिद ताहेरी और श्री व्हाइट जल्द ही अपने परिवारों के साथ जुड़ेंगे। प्रो. सीरियस असगरी बुधवार को अपने परिवार के साथ खुशी से फिर से मिले। यह सभी कैदियों के लिए हो सकता है, चुनिंदा लोगों को चुनने की जरूरत नहीं है। अमेरिका की ओर से अन्य ईरानी बंधकों को भी अब घर आना चाहिए।'
ईरान ने दिखाया सकारात्मक रुख: जरीफ ने कहा था कि अमेरिका और ईरान के बीच कैदी की अदला-बदली की कोई समस्या नहीं है और इसके लिए 'हमें वार्ता आयोजित करने की आवश्यकता नहीं है'। साथ ही उन्होंने कहा कि तेहरान में यूएस 'इंटरेस्ट सेक्शन के समन्वय के साथ कैदियों को छोड़ा जाएगा।
बुधवार को, अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा गिरफ्तार किए गए ईरानी वैज्ञानिक सिरस असगरी को रिहा कर दिया गया।
गौरतलब है कि इस कैदी की अदला-बदली ऐसे समय में हुई है जब कुछ समय पहले ट्रंप की ओर से प्रतिबंधों को लागू करने और अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से ईरान पर दबाव डालने को लेकर अभियान चलाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
रद्द कर दिया था परमाणु समझौता: 2018 में, ट्रंप प्रशासन ने एकतरफा रूप से 2015 के ईरान परमाणु समझौते को वापस ले लिया था। इसे यूएस (यूके), फ्रांस, रूस, चीन, जर्मनी और यूरोपीय संघ और ईरान के बीच हस्ताक्षरित जेसीपीओए के रूप में जाना जाता है।
साथ ही ट्रंप ईरान पर सैन्य कार्रवाई की धमकी देते भी नजर आ चुके हैं। ईरान के शीर्ष कमांडर की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत और अमेरिकी सैनिकों पर ईरान के मिसाइल हमले की कोशिश से तनाव चरम पर पहुंच गया था।