जेनेवा (स्विटजरलैंड) : कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के अध्यक्ष डोलकुन इसा ने सवाल उठाए हैं। इसा ने कहा कि इमरान खान बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन चीन में उइगर समुदाय पर होने वाले अत्याचार पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है। यह उनका दोमुंहापन और शर्मनाक रवैया है। इसा ने यह बात जेनेवा में कही। इमरान ने भारत सरकार पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है। हालांकि, उनके इन आरोपों की कलई बलूचिस्तान और पीओके के एक्टिविस्टों ने खोल दी है।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीतत में इसा ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान यह भलीभांति जानते हैं कि चीन की सरकार उइगर मुसलमानों के साथ क्या कर रही है लेकिन वह इस मसले पर कुछ नहीं बोलना चाहते। पाकिस्तान मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने वाले देशों में से एक है और चीन दुनिया से अपनी वास्तविकता छिपा रहा है।' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कश्मीर मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं लेकिन जब उइगर मुसलमानों की बारी आती है तो वह अपनी आंख मूंद लेते हैं और चीन की नीतियों का समर्थन करते हैं। यह दोमुहांपन है और शर्मनाक है।'
जेनेवा में इसके पहले भी अन्य संगठनों एवं संस्थाओं ने पाकिस्तान पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। बलूचिस्तान, पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान के एक्टिविस्टों ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए। वाशिंगटन डीसी में इंस्टीट्यूट ऑफ गिलगिट-बाल्टिस्तान के निदेशक सेंगे एच सेरिंग ने पाकिस्तान के प्रोपगैंडा को बेनकाब करते हुए गत बुधवार को कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का हिस्सा है। सेरिंग ने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर पर बात करने का हक नहीं है। अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का एक जरिया बन गया था।