नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी को लेकर पूरी दुनिया परेशान है। बीमारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वाकयुद्ध का दौर जारी है। अमेरिकी अधिकारियों ने चीन को दुनिया भर में कोरोना फैलाने का जिम्मेदार ठहराया है। यहां तक की डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में विशेषज्ञों तक के भेजने की बात भी कह डाली। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के अपने तर्क है। वह अमेरिका के आरोपों के मद्देनजर उन सबूतों की मांग कर रहा है जिसमें अमेरिका ने चीन में वूहान की लेबोरेट्री में कोरोना के पैदा होने की बात कहीं है। इस बीच दोनों के बीच इस मसले पर तल्खी बढ़ी है।
चीन पर ट्रंप के तीखे आरोप
अमेरिका में ट्रंप कोरोना वायरस संकट से निपटने के अपने तौर तरीके को लेकर आलोचना से घिर गए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि चीन या तो इस घातक वायरस को दुनिया में फैलने से रोकने में अक्षम रहा या उसने जानबूझकर किया। गौर हो कि अमेरिका में पिछले तीन महीने में अमेरिका में 68000 से अधिक अमेरिकियों की कोरोना वायरस से मौत हुई है और 11 लाख लोग संक्रमित पाये गये हैं। दुनिया में इस संक्रमण के सबसे अधिक मामले और मौतें अमेरिका में हुई है। पूरी अबतक दो लाख 47 हजार मरीजों की मौत हो गयी और 35 लाख संक्रमित पाये गये।
चीन ने फैलाया या जानबूझकर रोका नहीं
डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों में चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह (कोरोना वायरस) भयावह चीज है, एक ऐसी भयावह जो हमारे देश में हुई। यह चीन से आया। इसे रोका जाना चाहिए था। उसे उसी स्थान पर रोका जा सकता था।उन्होंने ऐसा नहीं करना (रोकना) पसंद किया या कुछ ऐसा हो गया। या तो अक्षमता थी या उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया (फैलने से नहीं रोका)। और हम पता लगाने जा रहे हैं कि कारण क्या था। ट्रंप ने कहा कि यदि उन्होंने उपाय नहीं किया होता तो 20 लाख से अधिक अमेरिकी मर जाते लेकिन अब मरने वालों की संख्या 75000 से 100000 के बीच हो सकती है। वह एक भयावह चीज है। हमें एक भी व्यक्ति को इसमें गंवाना नहीं चाहिए। इसे चीन में रोका जाना चाहिए था। इसे रोका जाना चाहिए था।
कोरोना को लेकर दोनों में ठनी
अमेरिका ने कोरोना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी पक्षपात करने के आरोप मढ़े। गौर हो कि ट्रम्प प्रशासन ने चीन और संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी दोनों पर आरोप लगाया था कि वायरस के सबसे पहले वुहान में उत्पन्न होने के बाद इससे निपटने के लिए उन्होंने उचित कदम नहीं उठाए।इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन अब अमेरिका से सबूतों की मांग कर रहा है जो उसने चीन के खिलाफ लगाए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात कार्यक्रमों के प्रमुख माइकल रेयान के बयान के मुताबिक कोरोना वायरस के चीन के शहर वुहान की एक प्रयोगशाला में उत्पन्न होने की आशंका के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के आरोप के संबंध में अमेरिकी सरकार ने उन्हें कोई सबूत मुहैया नहीं कराए हैं। यहां तक की संगठन इन आरोपों को काल्पनिक बता दिया। रेयान ने एक बार फिर दोहराया की संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी को मिले सबूत और जानकारी के अनुसार कोविड- 19 प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुआ है।
कोरोना से दुनिया भर में 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत
गौर हो कि कोविड-19 से दुनिया भर में लाखों लोग संक्रमित हैं और कम से कम 2,39,000 लोगों की जान गई है। इस बीच एक बात साफ है कि इन आरोपों के बीच दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना से लोगों को बचाना और टीका का जल्द से जल्द बनाना है। क्योंकि जब तक टीका नहीं बनेगा इस बीमारी से बचने का मार्ग लोगों के पास नहीं मिलेगा। देश और दुनिया के कई डॉक्टर,वैज्ञानिक इस अनुसंधान में जुटे हैं। डोनाल्ड ट्रंप यह उम्मीद जता चुके हैं कि टीका इस साल के आखिर तक आ जाएगा। लेकिन लोगों के बीच यह उम्मीद भी है कि टीका अगले तीन से चार महीने में आ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यकीकन यह मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी होगी और कोरोना से बचाव सुनिश्चित हो सकेगा।