बोरिस जॉनसन के बाद रूस के पीएम मिखाइल मिशुस्टिन कोरोना के शिकार, मरीजों की संख्या 1 लाख के पार

Russian Prime Minister Mikhail Mishustin corona positive: रूस के पीएम मिखाइल मिशुस्टीन में कोरोना के लक्षण मिले हैं। इसके साथ ही रूस में भी कोरोना के मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी हो रही है।

बोरिस जॉनसन के बाद रूस के पीएम मिखाइल मिशुस्टिन कोरोना के शिकार, मरीजों की संख्या 1 लाख के पार
रूसी पीएम मिखाइल मिशुस्टिन   |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • रूस के पीएम मिखाइल मिशुस्टिन कोरोना के शिकार
  • रूस में कोरोना संक्रमितों की तादाद 1 लाख के पार, मरने वालों की संख्या हुई हजार
  • मिखाइल मिशुस्टिन ने पीएम पद से हटने का किया ऐलान

नई दिल्ली।  ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन अब कोरोना मुक्त हो चुके हैं। लेकिन अब कोरोना की चपेट में रूसी पीएम मिखाइल मिशुस्टीन आ चुके हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। रूस में अब तक कोरोना संक्रमितों की तादाद एक लाख के पार हो चुकी है और मरने वालों की तादाद एक हजार के पार है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि इस आपदा से निकलने के लिए सरकार की तरफ से हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। टेस्टिंग पर खास जोर के साथ लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है। 

कुछ दिनों से मिशुस्टिन की तबीयत थी नासाज
मिशुस्टिन को कुछ दिनों से बुखार आ रहा था उसके बाद  उन्होंने कोविड 19 का टेस्ट कराया और जो रिपोर्ट आई उसमें वो कोरोना पॉजिटिव निकले।व्लादिमीर पुतिन के साथ आकर उन्होंने अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। उसके साथ ही कहा कि जब तक वो पूरी तरह स्वस्थ नहीं होंगे अपने पद पर नहीं रहेंगे। खास बात यह है कि अपनी जगह पर उन्होंने आंद्रे बेलुसोव को कार्यकारी पीएम बनाने की सलाह ही जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार भी कर लिया। मिशुस्टीन अब इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होंगे। 

ब्रिटेन के पीएम भी हो चुकें हैं कोरोना के शिकार
बता दें कि ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन भी कोरोना का सामना कर चुके हैं, उन्हें तो आईसीयू में दाखिल होना पड़ा। कई दिनों के इलाज के बाद वो पूरी तरह स्वस्थ होकर कामकाज पर लौट चुके हैं। अगर पूरी दुनिया की बात करें तो 32 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं जिनमें अमेरिका का हाल बुरा है। इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन तबाही का सामना कर रहे हैं। अगर कोरोना से हुई मौतों की बात करें तो यह संख्या 2 लाख से ऊपर है। अमेरिका का कहना है कि जब तक इस रोग के खात्मे के लिए वैक्सीन नहीं बन जाती है, हालात को कड़े नियमों को जमीन पर उतार कर ही नियंत्रित किया जा सकता है। 

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