रियाद : पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्ते में आई तल्खी किस हद तक पहुंच गई है इसका पता इस बात से चलता है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अपने रियाद दौरे में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मुलाकात नहीं कर पाए हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि बाजवा सऊदी अरब के अपने दौरे में क्राउन प्रिंस सलमान के साथ बैठक आयजित करने में सफल नहीं हो पाए और वह खाली हाथ लौट आए हैं। क्राउन प्रिंस के साथ बाजवा की मुलाकात न होने को सऊदी अरब की नाराजगी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।
ओआईसी को लेकर कुरैशी ने दिया बयान
दरअसल, पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कुछ दिनों पहले मुस्लिम देशों के संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक न बुलाने के लिए सऊदी अरब की आलोचना की। कुरैशी का यह बयान सऊदी अरब को नागवार गुजरा और उसने पाकिस्तान से एक अरब डॉलर का अपना कर्ज चुकाने के लिए कहा। समझा जाता है कि बाजवा का यह दौरा सऊदी की नाराजगी कम करने के लिए हुई लेकिन क्राउन प्रिंस ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख के साथ मुलाकात न कर स्पष्ट संकेत दिया है कि वह रिश्ते सामान्य करने के पक्ष में नहीं हैं।
क्राउन प्रिंस से मुलाकात नहीं कर पाए बाजवा
सऊदी अरब के साथ तनावपूर्व रिश्ते के बीच बाजवा, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख जनरल फैज हामिद सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे। बाजवा अपने इस दौरे में सऊदी अरब डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर प्रिंस खालिद बिन सलमान एवं सेना प्रमुख जनरल फय्याद बिन हामिद अल-रूवैली से मुलाकात करने में तो सफल रहे लेकिन उनकी क्राउन प्रिंस के साथ मुलाकात नहीं हो पाई।
पाकिस्तान का मददगार देश रहा है सऊदी अरब
सऊदी अरब कई दशकों से पाकिस्तान का करीबी देश एवं उसके 'सुख-दुख' का साथी रहा है लेकिन विदेश मंत्री कुरैशी के बयान ने दोनों देशों के संबंधों को पटरी से उतार दिया। गत दिनों 'एआरवाई' चैनल के साथ बातचीत में कुरैशी ने आगाह करते हुए कहा कि कश्मीर मसले पर सऊदी अरब ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक यदि नहीं बुलाता है तो वह पीएम इमरान खान से कहने के लिए बाध्य होंगे कि वह ओआईसी की बैठक बुलाएं। कुरैशी ने आगे कहा कि सऊदी अरब के कहने पर पाकिस्तान कुआलालम्पुर की बैठक में शरीक नहीं हुआ अब उसकी बारी है कि वह कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ खड़ा हो।
मलेशिया, तुर्की से पाकिस्तान की बढ़ी है नजदीकी
विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी अरब की नाराजगी के चलते सामने वाले दुष्परिणामों से पाकिस्तान परिचित है। उस समझ में आने लगा है कि सऊदी अरब की नाराजगी की कीमत उसे आने वाले दिनों में चुकानी पड़ सकती है। संबंधों में आए इस खटास को दूर करने के लिए ही बाजवा का यह दौरा हुआ है। संकट की घड़ी में सऊदी अरब ने कई बार पाकिस्तान की मदद की है। दुनिया का कर्ज उतारने के लिए सऊदी अरब पाकिस्तान को लोन देता रहा है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान का झुकाव तुर्की, मलेशिया और ईरान की तरफ हुआ है। बताया जाता है कि सऊदी अरब को यह बात भी अच्छी नहीं लगी।