इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के मंत्रिमंडल के 34 सदस्यों ने कई दिन के विलंब के बाद आखिरकार मंगलवार को पद की शपथ ली। शरीफ मंत्रिमंडल में अनुभवी नेताओं और नौजवानों को शामिल किया गया है।पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद की शपथ दिलाने से इनकार करने के बाद सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजारानी ने उन्हें शपथ दिलवाई।
मंत्रिमंडल के सदस्यों को सोमवार को शपथ ग्रहण करनी थी, लेकिन राष्ट्रपति अल्वी के उन्हें शपथ दिलाने से इनकार करने के बाद शपथ समारोह स्थगित कर दिया गया था। नये मंत्रिमंडल में 13 मंत्री पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) से बनाये गये हैं, जबकि बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को नौ मंत्री पद दिये गये हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फज्ल (जेयूआई-एफ) से चार और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) से दो मंत्री बनाये गये हैं।
अन्य घटक दलों, जैसे- ब्लूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू और जम्हूरी वतन पार्टी को एक-एक मंत्री पद हासिल हुआ है।राज्य मंत्री के दर्जे के साथ तीन विशेष सलाहकार नियुक्त किये गये है, जिनमें आमिर मुकाम (पीएमएल-एन), कमर जमां काइरा (पीपीपी) तथा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से अलग हुए धड़े के नेता औन चौधरी शामिल हैं। चौधरी पीटीआई प्रमुख इमरान खान के सक्रिय समर्थक थे, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को अलग कर लिया था और बागी सांसदों के साथ हो गये थे।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी का नाम नए मंत्रियों में शामिल नहीं है। ऐसी खबरें थीं कि वह देश के नए विदेश मंत्री होंगे। पीपीपी के सूत्रों ने बताया कि बिलावल भुट्टो अंतत: कैबिनेट में शामिल होंगे, लेकिन वह विस्तार के दौरान शपथ लेंगे।शरीफ मंत्रिमंडल में लिंग के आधार पर संतुलन नहीं बनाया गया है और केवल पांच महिलाओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जिनमें तीन कबीना और दो राज्य मंत्री हैं।
नये मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मिफताह इस्माइल को वित्त मंत्रालय दिया गया है। वह सांसद नहीं हैं और केवल छह माह तक ही इस पद पर बने रह सकते हैं। उन्हें मंत्री पद पर बने रहने के लिए सांसद निर्वाचित होना पड़ेगा।राष्ट्रपति अल्वी के बीमार होने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी पिछले सप्ताह संजारानी ने ही पद की शपथ दिलाई थी। अल्वी, अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्य हैं।
शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 13 मंत्रालय मिले हैं और नौ मंत्रालय पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को दिए गए हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) को चार मंत्रालय सौंपे गए और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को दो मंत्रालय मिले।बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायदे (पीएमएल-क्यू) और जम्होरी वतन पार्टी (जेडब्ल्यूपी) सहित अन्य गठबंधन सहयोगियों को एक-एक मंत्रालय मिला है।
पीएमएल-एन से दो राज्य मंत्री और पीपीपी से एक राज्य मंत्री भी नियुक्त किए गए। पीपीपी के एक सदस्य और पीएमएल-एन के दो सदस्यों को प्रधानमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है।पीएमएल-एन की ओर से सांसद ख्वाजा आसिफ, अहसान इकबाल, राणा सनाउल्लाह, अयाज सादिक, राणा तनवीर, खुर्रम दस्तगीर, साद रफीक, मियां जावेद लतीफ, मियां रियाज पीरजादा, मुर्तजा जावेद अब्बासी, आजम नजीर, मरियम औरंगजेब और मिफ्ता इस्माइल को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
पीपीपी से खुर्शीद शाह, नवीद कमर, शेरी रहमान, अब्दुल कादिर पटेल, शाजिया मारी, मुर्तजा महमूद, साजिद हुसैन तोरी, एहसान-उर-रहमान और आबिद हुसैन भी मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कामयाब रहे।जेयूआई-एफ से असद महमूद, अब्दुल वासे, मुफ्ती अब्दुल शकूर, तलहा महमूद और एमक्यूएम-पी से सैयद अमीनुल हक और फैसल सब्ज़वारी भी मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।
मंत्रिमंडल में बीएपी के इसरार तारिन, जेडब्ल्यूपी के शाहजैन बुगती और पीएमएल-क्यू के तारिक बशीर चीमा भी शामिल हैं। पीएमएल-एन के आमिर मुक़म, पीपीपी के क़मर जमां कैरा और जहांगीर तारीन समूह के औन चौधरी को प्रधानमंत्री का सलाहकार बनाया गया है। आयशा घोष पाशा, अब्दुल रहमान कांजो और हिना रब्बानी खार नए मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री हैं।
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