मैरीलैंड: अमेरिका... दुनिया की वो महाशक्ति जो इन दिनों बेहद बुरे दौर से गुजर रही है। एक तो पहले ही चीन से निकला वायरस इस देश पर सबसे ज्यादा कहर बरपा रहा है और उस पर अश्वेत जॉर्ज फ्लोयड की पुलिस हिंसा में मौत के बाद यहां दंगे और हिंसक प्रदर्शन भी भड़क उठे हैं, लोगों की भीड़ सड़कों पर जमा हो रही है। दंगों से जो नुकसान होगा वो तो अलग बात है लेकिन इन प्रदर्शनों ने महामारी को भी और विकराल रूप धारण करने का मौका दे दिया है क्योंकि सोशल डिस्टेसिंग सहित संक्रमण से बचाव के सभी उपाय नदारद नजर आ रहे हैं।
डराने वाले आंकड़े: हाल में आए आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि अमेरिका में महामारी की रफ्तार बढ़ गई है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोनो वायरस के कम से कम 1,827,206 मामले हैं और कम से कम 106,028 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएनएन ने बताया कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर बढ़ते विरोध के बीच मंगलवार को अमेरिका में कुल 15,846 नए कोविड-19 मामले और 863 अधिक मौतें हुईं हैं।
अश्वेत व्यक्ति पर पुलिस की हिंसा की घटना के बाद विरोध प्रदर्शन जारी है और इस बीच लॉस एंजिल्स काउंटी, सांता मोनिका, बेवर्ली हिल्स, सैन फ्रांसिस्को, ओकलैंड, न्यूयॉर्क सिटी और क्लीवलैंड सहित कई शहरों में कर्फ्यू की घोषणा की गई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता: वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी इस बात से चिंतित हैं कि नाराजगी भरे प्रदर्शनों से पूरे देश की कानूनी एजेंसियां और पुलिस प्रदर्शनों के आगे मजबूर नजर आ रहे हैं और इससे कोरोनो वायरस संक्रमण की दर में वृद्धि हो सकती है।
व्हाइट हाउस कोरोनावायरस टास्क फोर्स के एक सदस्य डॉ. एंथोनी फौसी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका में साल के अंत तक कोरोना वायरस मरीज की 100 मिलियन खुराक होनी चाहिए। फौसी ने सीएनएन के हवाले से कहा था, 'फिर, 2021 की शुरुआत तक, हमें उम्मीद है कि कुछ सौ मिलियन डोज़ होंगे।'