काबुल: राजधानी काबुल पर कब्जा करने के करीब 20 दिन बाद तालिबान (Taliban calim on Panjshir) ने अब दावा किया है कि उसने विद्रोहियों के गढ़ पंजशीर पर भी कब्जा कर लिया है। तालिबान के दावे पर यकीन करें पंजशीर पर कब्जा उसके लिए एक अहम सफलता है क्योंकि यहां 90 के दशक के बाद कभी भी किसी बाहरी ताकत को जीत नहीं मिली। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती से घिरी पंजशीर घाटी को अकूत प्राकृतिक संपदाओं के लिए जाना जाता है और नॉर्दन एलायंस के चीफ रहे पूर्व मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद यहां तालिबान के खिलाफ चल रही लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं।
क्या है तालिबान का दावा
तालिबान के कमांडर ने पंजशीर पर कब्जे का दावा करते हुए कहा कि सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा से आज पूरे अफगानिस्तान में हमारा कब्जा है और राह में रोड़े पैदा करने वालों को हमने हरा दिया है। पूरा पंजशीर अब हमारे कब्जे में है। यह पहली बार नहीं है जब तालिबान ने पंजशीर पर कब्जे का दावा किया हो, वह पहले भी पंचशीर पर जीत के दावे कर चुका है लेकिन ऐसे दावे फेक निकले थे। पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के दावों को फिर से झूठा बताया है।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने बताया -झूठा दावा
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह ने तालिबान के पंजशीर पर कब्जा करने के दावे को झूठा बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा। मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ हूं, अपनी मिट्टी के लिए और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए रहूंगा।' उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया और कहा कि हम तालिबान के हमलों को झेल रहे हैं और हालात मुश्किल वाले हैं लेकिन मैं पंजशीर में अपने लोगों के साथ लगातार बैठकें कर रहा हूं।
मारे गए हैं सैकडों तालिबानी
पंजशीर को अपने कब्जे में लेने के लिए तालिबान ने हजारों लड़ाकों को यहां भेजा है। पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व में विद्रोही लड़ाके तालिबान को मुहंतोड़ जवाब दे रहे हैं और अभी तक सैंकड़ों की संख्या में तालिबानी लड़ाके मारे जा चुके हैं। तालिबान अत्याधुनिक हथियारों और रॉकेट से पंजशीर वैली पर लगातार हमले कर रहा है लेकिन फिर भी वह यहां कब्जा नहीं कर पाया है।