नीस (फ्रांस): फ्रांस के नीस शहर स्थित चर्च में हुए आतंकी हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। हमला करने वाला शख्स महज 20 साल का था जो ट्यूनिशिया का रहने वाला है। फ्रांस के आतंकवाद-निरोधी अभियोजक के मुताबिक की पैदाइश 199 की है। हमलावर फ्रांस में पहुंचने से पहले लैम्पेदुसा के इतालवी द्वीप पर पहुंचा जहां जो उत्तरी अफ्रीका से नौकाओं के जरिए आने वाले प्रवासियों का प्रमख स्थान है। हमलावर ने 20 सितंबर को इटली के एक बंदरगाह शहर बारी की यात्रा की और यहां से होते हुए वह फ्रांस में दाखिल हुआ।
कुरान और चाकू लेकर दाखिल हुआ था चर्च में
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि आरोपी शख्स हाथ में कुरान और चाकू लेकर चर्च के अंदर दाखिल हुआ था। सीसीटीवी में दिख रहा है कि शख्स सुबह 6:47 बजे नीस ट्रेन स्टेशन में प्रवेश करता है। यहां पर अपने जूते बदलने के बाद उने चर्च जाने से पहले अपना कोट अंदर कर लिया। चर्च यहां से महज 400 मीटर की दूरी पर है। जांच एजेंसियों का कहना है कि हमलावर इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान और दो टेलीफोन साथ में ले जा रहा था। हमले में इस्तेमाल किए गए 17 सेंटीमीटर के ब्लेड वाला एक चाकू उसके पास मिला था। इसके अलावा एक बैग भी मिला जिसमें 2 और चाकू रखे थे जो यूज नहीं किए गए थे।
हमलावर ने लगाए धार्मिक नारे
पुलिस के मुताबिक चर्च में पुलिस के प्रवेश करने से पहले हमलावर ने चर्च के अंदर कुछ 30 मिनट बिताए और एक गलियारे में आगे बढ़ने के बाद पुलिस और हमलावर आमने-सामने आ गए। जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। चश्मदीदों के मुताबिक हमलावर "अल्लाहु अकबर" चिल्ला रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए शुरूआत में एक इलेक्ट्रिक गन का इस्तेमाल किया और फिर अपनी सर्विस रिवाल्वर निकाल दी।
तीन की मौत
इस हमले में दो लोगों की मौत हुई है, दो की चर्च में जबकि बुरी तरह से घायल तीसरे व्यक्ति ने वहां से भागने के दौरान दम तोड़ा। उल्लेखनीय है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब फ्रांस में आतंकवादी हमले को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है। वहीं, फ्रांसीसी संसद के निचले सदन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते नयी पाबंदियों पर बहस को स्थगित करते हुए पीड़ितों के लिए कुछ देर मौन रखा।