चीन की अंतरराष्ट्रीय साजिश! WHO, इंटरपोल को लेकर ब्रिटेन की समिति ने जारी की चेतावनी 

ब्रिटेन की एक संसदीय समिति ने डब्ल्यूएचओ, इंटरपोल जैसी संस्थाओं को लेकर आगाह किया है। समिति का कहना है कि चीन इन बहुपक्षीय संस्थाओं को कमजोर करने और उन्हें अपने हिसाब से चलाने की कोशिश कर रहा है।

UK parliament panel says China wants to control WHO and Interpol
चीन के बारे में ब्रिटेन की समिति ने चौंकाने वाला खुलासा किया।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • ब्रिटेन की एक संसदीय समिति ने चीन को लेकर किया है सनसनीखेज दावा
  • विदेश मामलों की समिति ने कहा है कि बहुपक्षीय संस्थानों को कमजोर बना रहा चीन
  • समिति का कहना है कि ब्रिटेन को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है

लंदन : कोरोना की उत्पत्ति को लेकर दुनिया के देशों के निशाने पर चल रहे चीन के बारे में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ब्रिटेन के एक संसदीय आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन जैसे तानाहाशी रवैया रखने वाले देश विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरपोल जैसी बहुपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को तोड़ना अथवा उन्हें कमजोर करना या अपने हिसाब से उनका इस्तेमाल करना चाहते हैं। इन दोनों संस्थाओं का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शांति, समृद्धि एवं आजादी के साझा मूल्यों के आधार एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से किया गया। 

गुरुवार को प्रकाशित हुई विदेश मामलों पर समिति की रिपोर्ट
विदेशी मामलों पर ब्रिटेन की हाउस ऑफ कॉमन्स की समिति की यह रिपोर्ट गुरुवार को प्रकाशित हुई। देश की विदेश नीति की समीक्षा एवं जांच करने वाले समिति में शामिल 11 सांसदों ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा है, 'चीन एवं रूस सहित ऐसे देश जो नकारात्मक प्रभाव रखते हैं, यदि ऐसे देशों को ब्रिटेन एवं उसके सहयोगियों ने जवाब नहीं दिया तो इस बात का खतरा बहुत ज्यादा है कि लोकतांत्रिक देश बहुपक्षीय संस्थानों को खो देंगे। ये संस्थान जिन  मूल्यों को प्रदर्शित करते हैं, इन मूल्यों के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए तानाशाही रवैया रखने वाले देशों ने बहुत कम काम किया है।'

बहुपक्षीय संस्थानों पर नियंत्रण पाने की कोशिश
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, 'हमने चीन जैसों देशों के प्रयास देखें हैं कि वे रणनीतिक रूप से अहम संस्थानों पर नियंत्रण पाने की कोशिश में हैं। इन संस्थानों का निर्माण वैश्विक सहमति से जिन सिद्धांतों पर हुआ है, ये देश उन नियमों में आधारभूत बदलाव करना चाहते हैं। इन बहुपक्षीय संस्थानों के निर्माण एवं विकास में ब्रिटेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।'

'समर्थन पाने के लिए देशों को मजबूर करता है चीन'
समिति का कहना है कि इन संस्थाओं में शामिल देशों पर अपना प्रभाव जमाने के लिए चीन आक्रामक तरीकों का सहारा ले रहा है। बहुपक्षीय संस्थानों के बारे में अपनी राय पर समर्थन पाने के लिए वह देशों पर अपनी आर्थिक ताकत का दबाव बनाता है और उन्हें अपनी बात मनवाने के लिए मजबूर करता है। रिपोर्ट में ब्रिटेन से कहा गया है कि वह समान विचारधारा वाले देशों को साथ में लेकर उन मुल्कों पर्दफाश करने का आग्रह किया है जो इन संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। इन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रति ट्रंप प्रशासन के रुख की भी आलोचना की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन के लापरवाह रवैये के चलते कई बहुपक्षीय संस्थानों में चीन को अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिली।  


 

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