इस्लामाबाद: अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की बेइज्जती रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ समय पहले मलेशिया ने उसका विमान जब्त कर लिया था वहीं दूसरी तरफ पिछले साल जुलाई में पायलटों के फर्जी लाइसेंस को देखते हुए यूरोपीय देशों और अमेरिका ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। अब ताजा मामला पाकिस्तान के फर्जी पायलटों से ही जुड़ा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने पाकिस्तान में फ़र्ज़ी पायलटों की बाढ़ देखकर अपने कर्मचारियों को बाक़ायदा आदेश जारी कर दिया है कि जान की हिफ़ाज़त चाहते हैं तो पाकिस्तान की किसी भी एयरलाइंस में सफ़र न करे।
इमरान घिरे
यूएन के इस आदेश के बाद हुई इंटरनेशनल बेइज्ज़ती से प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अब अपने ही घर में ही घिरे हुए हैं। दरअसल पाकिस्तान के फर्जी पायलटों की हकीकत किसे से छिपी नहीं है और इसे लेकर अब यूएन भी सख्त हो गया है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपने एजेंसी के कर्मचारियों को आगाह किया है कि वे सुरक्षा चिंताओं को लेकर किसी भी पाकिस्तान-पंजीकृत एयरलाइन में यात्रा न करें।
कर्मचारियों को यूएन की सलाह
द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (UNSMS) द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें कहा गया है: 'CAA [नागरिक उड्डयन प्राधिकरण] पाकिस्तान की जारी जांच के कारण ... पाकिस्तान पंजीकृत हवाई ऑपरेटरों को संदिग्ध लाइसेंस के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।' इस आदेश के बाद पाकिस्तान में काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी पाकिस्तान के भीतर भी, किसी भी पाकिस्तान-पंजीकृत एयरलाइन द्वारा यात्रा नहीं कर सकते हैं। द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार ने कहा कि एयर ऑपरेटर की जानकारी एक नई स्वचालित प्रणाली का परिणाम है, जो संशोधित वैश्विक हवाई यात्रा सुरक्षा नीति से जुड़ी हुई है।
लग चुका है प्रतिबंध
पिछले साल दिसंबर में, यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) ने पाकिस्तानी अधिकारियों के आग्रह के बावजूद भी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) पर तीन महीने के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया था। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन ने बताया था कि ईएएसए ने सूचित किया था कि प्रतिबंध केवल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के सुरक्षा लेखा परीक्षा के बाद हटा दिया जाएगा। ईएएसए ने जुलाई 2019 में सुरक्षा चिंताओं के कारण यूरोपीय देशों में उड़ानें संचालित करने पर रोक लगा दी थी।
निकले थे फर्जी पायलट
दरअसल पाकिस्तान सरकार की जांच में सामने आया था कि देश में 860 एक्टिव पायलटों में से 262 के लाइसेंस फर्जी पाए गए थे या फिर उन्होंने नकल देकर परीक्षा पास की थी। इनमें से आधे तो पीआईए के पायलट थे। जिसके बाद पाकिस्तान सरकार हरकत में आई थी और 141 पायलटों को तुरंत हटा दिया गया था।