अब मलेरिया रोधी दवा से होगा कोरोना वायरस का इलाज, अमेरिका ने दी मंजूरी

अमेरिका ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए मलेरिया रोधी दवा क्‍लोरोकिन के इस्‍तेमाल को मंजूरी दे दी है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने यह अहम घोषणा की।

अब मलेरिया रोधी दवा से होगा कोरोना वायरस का इलाज, अमेरिका ने दी मंजूरी
अब मलेरिया रोधी दवा से होगा कोरोना वायरस का इलाज, अमेरिका ने दी मंजूरी  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • अमेरिका ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए मलेरिया रोधी दवा के इस्‍तेमाल को मंजूरी दे दी है
  • राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, 'हम जल्‍द ही यह दवा उपलब्‍ध कराने जा रहे हैं'
  • अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने इसे कोरोना वायरस से लड़ने में 'गेम चेंजर' दवा बताया

वाशिंगटन : कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में तबाही मची हुई है। चिकित्‍सा जगत से जुड़े वैज्ञानिक लगातार इसका उपचार ढूंढ़ने में लगे हैं। इस बीच अमेरिका ने इस घातक संक्रामक बीमारी के उपचार के लिए मलेरिया रोधी दवा क्‍लोरोकिन के इस्‍तेमाल को मंजूरी दे दी है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने गुरुवार को यह अहम घोषणा की, जिसके बाद इस घातक बीमारी से उपचार की दिशा में जल्‍द बड़ी सफलता मिलने की उम्‍मीद जताई जा रही है।

'जल्‍द उपब्‍लध होगी दवा'

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्‍ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, 'हम जल्‍द ही यह दवा उपलब्‍ध कराने जा रहे हैं।' उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उनके प्रशासन की तरफ से गठित टास्क फोर्स ने इस घातक संक्रमण से पीड़‍ित मरीजों के इलाज के लिए एंटी मलेरिया ड्रग को मंजूरी दे दी है और यह डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए उपलब्‍ध होगी।

'यह दवा गेम चेंजर साबित होगी'

उन्‍होंने यह भी कहा कि ऐसे में जबकि पूरा विश्‍व कोरोना वायरस की चपेट में है, यह दवा गेम चेंजर साबित होगी। हालांकि अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ( एफडीए) के प्रमुख स्टीफन हेन ने चेताया कि मलेरिया के उपचार में कारगर दवा क्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के उपचार में कितनी प्रभावी होगी, इसके लिए और बड़े व तथ्यात्मक क्लि‍नकल ट्रायल की आवश्यकता है।

वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल
अमेरिका में वैज्ञानिक इस घातक संक्रमण से बचाव के लिए टीका बनाने में भी जुटे हुए हैं, जिसका इंसानों पर परीक्षण भी शुरू हो गया है। हालांकि यह अभी इसे परीक्षणों के कई दौर से गुजरना है, जिसके बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी कि यह नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में कितना कारगर है। बताया जाता है कि अगर इंसानों पर इस वैक्‍सीन का परीक्षण अगर सफल रहता है तो यह बाजार में अगले एक साल से 18 महीने बीच उपलब्‍ध हो सकता है।

अमेरिका में हो चुकी है 118 लोगों की मौत

यहां उल्‍लेखनीय है कि अमेरिका ने कोरोना वायरस से अब तक 118 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 7,701 मरीजों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। जिस तेजी के साथ यहां इस घातक संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसे लेकर लोगों में खौफ समाया हुआ है। हालात की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने कई देशों के साथ अपनी सीमा भी बंद कर दी है। कोरोना वायरस के मद्देनजर राष्‍ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में पिछले सप्‍ताह इमरजेंसी की घोषणा भी की थी।

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