पाकिस्‍तान के 'एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट' राव अनवर को अमेरिका में किया बैन, अफसर पर हैं गंभीर आरोप

दुनिया
Updated Dec 11, 2019 | 09:43 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

अमेरिका ने पाकिस्‍तान के एक रिटायर पुलिस अफसर को बैन कर दिया है। उन पर फर्जी मुठभेड़ों में करीब 400 लोगों की जान लेने का आरोप है। रिटायर अफसर पर पश्‍तूनों के अधिकारों की आवाज को कुचलने का आरोप भी है।

US blacklisted Pakistan police officer Rao Anwar for human rights abuse
अमेरिका ने पाकिस्‍तान के रिटायर्ड पुलिस अफसर को प्रतिबंधित कर दिया है  

वाशिंगटन : अमेरिका ने पाकिस्‍तान के एक रिटायर सीनियर पुलिस अफसर राव अनवर को बैन कर दिया है। उन पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्‍लंघन के आरोप हैं, जिसे लेकर पाकिस्‍तान में भी खूब बवाल हो चुका है। आरोप है कि उन्‍होंने लगभग 200 फर्जी मुठभेड़ों को अंजाम दिया, जिसमें 400 से अधिक लोगों की जान चली गई। पुलिस अफसर पर नकीबुल्‍ला मेहसूद नाम के युवा पश्‍तून नेता को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप है, जिसे लेकर पाकिस्‍तान में खूब बवाल हुआ था और पश्‍तूनों ने लंबा मार्च निकाला था।

अमेरिका ने विश्‍व मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) पर यह फैसला लिया, जिसमें विदेश विभाग के ट्रेजरी ऑफिस ने दुनिया के 6 देशों के 18 लोगों को भ्रष्‍टाचार व मानवाधिकारों के उल्‍लंघन का दोषी ठहराते हुए प्रतिबंधित कर दिया। ट्रेजरी आफ‍िस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्‍तान का यह पूर्व पुलिस अधिकारी 190 से अधिक मुठभेड़ों में शामिल रहा है, जिसमें 400 से अधिक लोगों की जान चली गई है। बयान में नकीबुल्ला मेहसूद का खास तौर पर जिक्र किया गया है।

नकीबुल्ला मेहसूद को राव अनवर की अगुवाई में ही पुलिस ने जनवरी 2018 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहसूद पश्‍तून तहफूज मूवमेंट (पीटीएम) से जुड़े थे, जो 2014 में अस्तित्‍व में आने के बाद से ही पाकिस्‍तानी सेना की निगाह में चढ़ा रहा। इसके कई सदस्‍यों को देशद्रोह का आरोप लगाकर जल में भी डाल दिया गया। पीटीएम का गठन मई 2014 में डेरा इस्‍माइल खान स्थित गोमाल यूनिवर्सिटी के आठ छात्रों ने किया था, जो अल्‍पसंख्‍यक पश्‍तून लोगों के हकों की आवाज बुलंद करने के लिए जाना जाता है।

इस पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगा तो पाकिस्‍तान ने यह आरोप भी लगाया कि यहां अस्थिरता फैलाने के लिए भारत और अफगानिस्‍तान इस मूवमेंट को मदद दे रहे हैं। हालांकि पीटीएम ने यह कहते हुए पाकिस्‍तानी प्रतिष्‍ठानों के आरोपों को खारिज किया कि यह सब उसे बदनाम करने की साजिश है, क्‍योंकि वे सरकार से उन लोगों के बारे में जवाब मांग रहे हैं, जिन्‍हें बिना किसी आरोप के सजा दी जा रही है और उनकी हत्‍या तक की जा रही है।

मेहसूद के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पश्‍तूनों के आंदोलन ने और जोर पकड़ा था। सेना और पाकिस्‍तान के सत्‍ता प्रतिष्‍ठानों पर इस मूवमेंट को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगा था तो मेहसूद के हत्‍यारोपी पुलिस अफसर के लिए कड़ी सजा की मांग भी उठी थी। उस वक्‍त इस मुठभेड़ को लेकर एक पुलिस जांच भी हुई थी, जिसमें एनकाउंटर को फर्जी ठहराया गया था। अमेरिका ने अब जब राव अनवर को प्रतिबंध‍ित किया है तो ट्रेजरी ऑफ‍िस की ओर से जारी बयान में उन्‍हें जबरन वसूली, जमीन हथियाने, नार्कोटिक्‍स और मर्डर जैसे कई मामलों के लिए भी जिम्‍मेदार ठहराया गया है।

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