नई दिल्ली। 15 जून को गलवान में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन में तनाव चरम पर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि अगर भारत दोस्ती निभाना जानता है तो आंखों में आखें डाल कर बात भी करना जानता है। यह बात अलग है कि उनकी तरफ से चीन का नाम नहीं लिया गया। चीन की हिमाकत का जवाब भारत दे रहा है और उसी क्रम में भारत सरकार की तरफ से 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। भारत के इस कदम की अमेरिका ने सराहना की है।
चीनी ऐप पर बैन, अमेरिका हुआ खुश
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो कहते हैं कि भारत ने जिस तरह के क्लीन ऐप अप्रोच को अपनाया है उससे भारत की संप्रभुतास एकता और राष्ट्रीय सुरक्षा और मजबूत होगी। बता दें कि माइक पोंपियो इससे पहले चीन को धुर्त देश तक करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति से दुनिया खासतौर से पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया में स्थिरता प्रभावित हुई है।
डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कर चुके हैं आलोचना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि दक्षिण चीन सागर में जिस तरह चीन अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम दे रहा है, उससे एक बात साफ है वो विश्व को अस्थिर करने की फिराक में है। कोरोना वायरस उसकी देन और जिस तरह से पूरी दुनिया प्रभावित है वो सबके सामने है। अब जिस तरह से चीन अपनी पश्चिमी सीमा यानि भारत के खिलाफ आक्रामक हुआ है वो किसी भी माएने में विश्व समाज के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता है।