वाशिंगटन : क्रिसमस के मौके पर उत्तर कोरिया से मिलने वाले 'संभावित गिफ्ट' को लेकर अमेरिका के अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। अमेरिका विशेषज्ञों एवं अधिकारियों को आशंका है कि उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन इस मौके पर मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। ऐसी आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि दिसंबर की शुरुआत में उत्तर कोरिया संभावित 'क्रिसमस गिफ्ट' की चेतावनी दे चुका है। किम प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन परमाणु हथियारों पर बातचीत में समय तेजी से गंवा रहा है और अब यह अमेरिका पर निर्भर है कि वह प्योगयांग से कौन सा 'क्रिसमस गिफ्ट' लेना पसंद करता है।
एक अमेरिकी न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया यदि कोई अहम अथवा परमाणु परीक्षण करता है तो उसका यह कदम मिसाइल परीक्षणों पर लगाए गए उसके खुद के पाबंदी को खत्म कर देगा। यही नहीं, इस तरह का कोई भी परीक्षण परमाणु हथियारों के खात्मे के लिए किम जॉन्ग उन को बातचीत की मेज पर लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों को नाकामी के तौर पर देखा जाएगा और इसे ट्रंप की कूटनीतिक असफलता माना जाएगा।
बता दें कि दिसंबर महीने की शुरुआत में उत्तर कोरिया ने एक परीक्षण किया। इस टेस्ट के ज्यादा विवरण तो सामने नहीं आए लेकिन यह माना गया कि यह एक इंजन टेस्ट था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह लंबी दूरी की मिसाइल में इस्तेमाल होने वाला इंजन हो सकता है। रिपोर्ट में परमाणु अप्रसार पर नजर रखने वाले एवं विदेश मंत्रालय के पूर्व अधिकारी एंथनी वीयर के हवाले से कहा गया है कि, 'उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को उन्नत कर रहा है और नई क्षमताएं हासिल कर रहा है।'
उन्होंने कहा, 'यदि यह चलता रहा तो वे नई मिसाइलों के लिए अपनी और क्षमताएं हासिल करेंगे। वे इसके जरिए हमें और हमारे सहयोगियों को नए-नए तरीकों से धमकाते रहेंगे।' वहीं, सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में कोरियाई विशेषज्ञ विक्टर चा ने कहा कि उत्तर कोरिया में एक संभावित परीक्षण स्थल की समीक्षा यह बताती है कि वे 'परीक्षण के लिए तैयार हैं।'
इस सप्ताह की शुरुआत में रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा कि क्रिसमस के मौके पर उत्तर कोरिया की तरफ से होने वाले संभावित परीक्षण की बातें अमेरिका में सुनी गई हैं। उन्होंने कहा, 'हम पिछले 25 सालों से कोरियाई प्रायद्वीप पर करीबी नजर रखते आए हैं। हमें उनकी चालों के बारे में पता है। अब हमें गंभीर रुख अपनाने एवं कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से रहित करने के लिए एक राजनीतिक समझौते पर बातचीत करने की जरूरत है।'