नई दिल्ली। पूरे विश्व में कोरोना के कुल मामले 22 लाख के आंकड़े को छू लेंगे और मरने वालों की तादाद डेढ़ लाख के आंकड़े को छूने जा रही है। अगर अमेरिका और यूरोप की बात करें तो यहां पर डेढ़ लाख के आंकड़े में अस्सी फीसद शिकार हुए हैं। लेकिन चीन जहां से यह घातक वायरस फैला वहां चार हजार लोगों की मौत हुई। यहां सवाल है कि क्या चीन आंकड़ों को छिपा रहा है। यह एक ऐसा सवाल है जिसे लेकर आम लोग कहते हैं कि चीन के आंकड़ों पर भरोसा करना मुमकिन नहीं है। लेकिन अब तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मानते हैं कि चीन झूठ बोल रहा है।
चीनी आंकड़ों पर ट्रंप को ऐतबार नहीं
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि चीन ने अभी अभी घोषणा की है कि उसके यहां कोरोना प्रभावित लोगों के संख्या दोगुनी हुई है जो सच से परे है। सच तो यह है कि चीन का आंकड़ा उसके बयान से कहीं ज्यादा है, यूएस में जितनी तबाही हुई है उसके कहीं ज्यादा। ट्रंप के इस ट्वीट के बाद प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई। एक शख्स ने कहा कि चीन की तरह से आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। वहां एक बड़ी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित है और सच को सबके सामने नहीं लाया जा रहा है। चीन में अमेरिका से ज्यादा मौतें हुई हैं, चीन की तरफ से जो आंकड़े पेश किए जा रहे हैं वो सिर्फ समस्याओं को बढ़ाने जैसा है।
फ्रांस और जर्मनी ने भी उठाए सवाल
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका सच्चाई का पता लगा ही लेगा। अमेरिका के साथ साथ फ्रांस और जर्मनी को भी चीन के दावे पर शक है। इन दोनों देशों का कहना है कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस देश से तबाही शुरू हुई उसका यह कहना है कि वहां लोगों की मौत की संख्या इतनी कम है विश्नास नहीं होता है। इन दोनों देशों ने कहा कि पूरी दुनिया को सच जानने का हक है। देर सबेर सच्चाई सामने आ जाएगी। इन सबके बीच ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर एर बार फिर सवालिया निशाना लगाए।