US elections: अमेरिकी चुनाव के नतीजे आने में हो सकती है देरी, परिणामों में देरी का रहा है इतिहास

दुनिया
आईएएनएस
Updated Nov 04, 2020 | 00:57 IST

US presidential elections: वर्ष 1937 तक, अमेरिकी राष्ट्रपति जनवरी के बजाय मार्च महीने में सत्ता की गद्दी संभालते थे, क्योंकि मुख्य रूप से मतगणना में ही लंबा समय बीत जाता था।

US Voting
अमेरिकी चुनाव  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • कोरोना काल में हो रहा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
  • 1918 में स्पैनिश फ्लू के दौरान चुनाव आयोजित किए गए थे
  • थॉमस जेफरसन बनाम जॉन एडम्स की 1800 में हुई चुनावी लड़ाई नौ महीने तक चली थी

न्यूयॉर्क: अमेरिका के चुनाव पर सारी दुनिया की नजरें गड़ी हुई हैं। मगर ऐसा हो सकता है कि हम शायद तीन नवंबर (भारत में 4 नवंबर) की रात को डोनाल्ड ट्रंप बनाम जो बाइडन के परिणाम को न जान सकें। यह विचित्र नहीं है। सन् 2000 और इससे पहले भी अमेरिका के चुनावी परिणाम में देरी हो चुकी है। अगर 2000 की बात करें तो चुनाव के एक महीने बाद 12 दिसंबर को अमेरिका और दुनिया के लोगों को चुनावी नतीजों की जानकारी मिल पाई थी। तब अमेरिका सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि फ्लोरिडा को वोटों की गिनती बंद करनी चाहिए और जॉर्ज डब्ल्यू बुश बनाम अल गोर के लिए चुनाव कराया जाए।

वर्ष 1937 तक, अमेरिकी राष्ट्रपति जनवरी के बजाय मार्च महीने में सत्ता की गद्दी संभालते थे, क्योंकि मुख्य रूप से मतगणना में ही लंबा समय बीत जाता था। 1918 में स्पैनिश फ्लू के दौरान चुनाव आयोजित किए गए थे, लेकिन वे राष्ट्रपति चुनाव नहीं बल्कि मध्यावधि चुनाव थे। अमेरिकी इतिहास की जानकारी रखने वाले इतिहासकारों का मानना है कि थॉमस जेफरसन बनाम जॉन एडम्स की 1800 में हुई चुनावी लड़ाई नौ महीने तक चली थी।

हालांकि वर्तमान चुनाव में नौ महीने का समय किसी और परिदृश में सामने आया है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को ठीक नौ महीने पहले ही कोरोना वायरस महामारी के बारे में पता चला और अभी तक महामारी ने अमेरिका में ऐसी तबाही मचाई कि इसकी वजह से 231,000 से अधिक अमेरिकी अपनी जान गंवा चुके हैं। 

यह चुनाव कई मायनों में खास है, क्योंकि इसमें कई चीजें पहली बार देखने को मिल रही हैं। इस बार के चुनाव में एक बात पहली बार देखी जा रही है, वह यह है कि एक अश्वेत और भारतीय अमेरिकी महिला कमला हैरिस एक प्रमुख पार्टी के टिकट पर उप-राष्ट्रपति की दावेदार हैं। इसके अलावा यह पहली बार है जब दोनों राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की आयु 70 वर्ष से अधिक है। ट्रंप जहां 74 वर्ष के हैं, वहीं बाइडन 77 साल के हो चुके हैं। यह भी पहली बार है, जब अमेरिकी चुनाव एक बड़ी वैश्विक महामारी के बीच चल रहा है, जिसने देश के हर एक राज्य में लोगों की जान ली है। अमेरिका ने एक ही दिन में 100,000 कोरोना संक्रमण के मामलों का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

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