वाशिंगटन : अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण तबाही मचा रहा है, जहां अब तक इस घातक संक्रमण से 1.53 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 45.68 लाख से अधिक लोग इस घातक बीमारी की चपेट में हैं। बीते कुछ समय में यहां संक्रमण की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ी है, उसकी वजह से बीते 11 दिनों में मरने वालों की संख्या 10 हजार से अधिक रही है।
जॉन हॉपकिंन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से 1,267 लोगों की जान गई है, जबकि एक दिन पहले ही मंगलवार को यह आंकड़ा एक दिन में लगभग 1600 मौतों का था। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के कारण यहां आर्थिक गतिविधियों को पुरजोर तरीके से शुरू किए जाने के प्रयासों को एक बार फिर से झटका लगा है।
अमेरिका में पूर्व में जहां न्यूयार्क कोरोना वायरस महामारी का केंद्र रहा, वहीं इस महीने अरिजोना, कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और टेक्सस में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई, जिसके कारण यहां के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई। हालांकि न्यूयार्क और न्यूजर्सी में अब भी कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या सबसे अधिक है, जो प्रति व्यक्ति के लिहाज से भी उच्च स्तर पर है।
अमेरिका में बढ़ते संक्रमण के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का बचाव करते हुए इसे कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में प्रभावी बताया है। ट्रंप ने मई माह में कहा था कि वह चिकित्सकों की सलाह से इस दवा की खुराक ले रहे हैं। वहीं मंगलवार को एक बार फिर उन्होंने कहा कि इस दवा में उनका यकीन है और आगे भी इसे लेंगे।
उन्होंने कहा, 'जैसा आपको पता है, मैंने 14 दिन के लिए इसे लिया था और मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि शुरुआत में (संक्रमित होते ही) यह काम करती है। मेरा मानना है कि अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कई चिकित्सक कर्मियों का भी यही मानना है।' राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि यह एक सुरक्षित दवा है और इससे कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने अपना उदाहरण भी दिया और कहा कि उन्हें इस दवा को लेने से कोई नुकसान नहीं हुआ।
ट्रंप की यह बात विशेषज्ञों की उस चेतावनी से बिल्कुल अलग है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इसके कारगर होने के कोई सबूत नहीं हैं। विशेषज्ञ इसके इस्तेमाल से ह्दय संबंधी परेशानी होने को लेकर भी आगाह कर चुके हैं।