काबुल : अफगानिस्तान (Afghanistan) की तालिबान (Taliban) सरकार को अमेरिका (America) अभी औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देगा लेकिन वह इस संकटग्रस्त देश को मानवीय आधार पर सहायता उपलब्ध कराएगा। कतर की राजधानी दोहा (Doha Talks) में अमेरिका के साथ हुई वार्ता के बाद तालिबान की ओर से यह जानकारी दी गई है। 'द हिल' की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी होने के बाद अमेरिकी शिष्टमंडल और तालिबान के शीर्ष प्रतिनिधियों के बीच पहली बार आमने-सामने की बातचीत हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने कहा है कि अमेरिकी नुमाइंदों के साथ उसकी यह बैठक 'अच्छी रही' और अमेरिका, अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने पर राजी हुआ। तालिबान ने अमेरिका को भरोसा दिया है कि वह 'विदेशी नागरिकों की आवाजाही सुनिश्चित करने में सहयोग' देगा। शनिवार को विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की प्रमुख प्राथमिकताओं में अफगानिस्तान से अमेरिकी एवं विदेशी नागरिकों को सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराना और ऐसे अफगान नागरिक जिनसे बाइडन प्रशासन ने वहां से निकालने का वादा किया है, शामिल है। 'द हिल' की रिपोर्ट के मुताबिक यह बैठक तालिबान सरकार को मान्यता अथवा उसे वैधता देने के बारे में नहीं थी।
दुनिया के देश तालिबान से चाहते हैं कि वह अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अन्य आतंकवादी समूहों के लिए न होने दे। तालिबान सरकार बनने के बाद अलकायदा, आईएस जैसे आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में फिर से अपना सिर उठाने लगे हैं। अफगानिस्तान में कट्टरपंथी समूहों को काबू करने में अमेरिका के साथ सहयोग करने की संभावना को तालिबान ने शनिवार को सिरे से खारिज कर दिया। तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने मीडिया से बातचीत में शनिवार को कहा अफगानिस्तान में तेजी से सक्रिय होते जा रहे इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े संगठनों को लेकर उसकी ओर से वाशिंगटन को किसी तरह का सहयोग नहीं दिया जाएगा। शाहीन ने कहा, ‘दाएश (इस्लामिक स्टेट) से अपने दम पर निबटने में हम सक्षम हैं।’