न्यूयार्क : कश्मीर मुद्दे को लेकर भारतीय राजनयिक के एक बयान को लेकर विवाद पैदा हो गया है, जिसमें उन्होंने 'कश्मीर मुद्दे के इजरायल जैसे समाधान' की आवश्यकता बताई। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर छाया रहा तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस पर प्रतक्रिया दी, जिसके बाद अब राजनयिक ने कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है। कश्मीर और इजरायल को लेकर यह बयान न्यूयार्क में भारतीय महावाणिज्यदूत संदीप चक्रवर्ती ने दिया, जिस पर लोगों ने तरह-तरह से प्रतिक्रिया दी है।
चक्रवर्ती ने यहां एक निजी कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वर्ष 1970 के दशक में हिंसा के कारण कश्मीर घाटी छोड़ने वाले पंडितों को वहां फिर से बसाने के लिए भारत को इजरायल का मॉडल अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडित जल्द ही घाटी लौट सकेंगे, क्योंकि 'अगर इजरायली लोग ऐसा कर सकते हैं तो हम भी यह कर सकते हैं।' इस समारोह में अमेरिका में रह रहे प्रवासी कश्मीरी पंडित भी शामिल हुए थे, जिस दौरान भारतीय राजनयिक ने संविधान के अनुच्छेद 370 की भी चर्चा करते हुए भरोसा जताया कि जम्मू-कश्मीर में हालात जल्द ही सामान्य होंगे।
उनके इस बयान को 1967 में वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरूसलम पर कब्जे के बाद क्षेत्र में तकरीबन 140 यहूदी बस्तियां बसाने के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन माना गया है। संदीप चक्रवर्ती ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि जिस तरह इजरायली लोगों ने लगभग 2000 वर्षों तक बाहर रहते हुए भी अपनी संस्कृति को जिंदा रखा और फिर अपनी धरती पर वापस लौटे, उसी तरह उन्हें भरोसा है कि कश्मीरी संस्कृति भी जीवित रहेगी और विस्थापित लोग जल्द ही अपने घर लौट सकेंगे। कार्यक्रम में शामिल को संबोधित करते हुए उन्होंने यह कहा, 'कश्मीरी संस्कृति भारतीय संस्कृति है, यह हिन्दू संस्कृति है और हममें कोई भी कश्मीर के बगैर भारत की कल्पना नहीं कर सकता।'
भारतीय राजनयिक का यह संबोधन सोशल मीडिया मीडिया पर छाया हुआ है, जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं, 'हमारे पास पहले ही दुनिया में एक ऐसा मॉडल है। मैं नहीं समझ पा रहा कि इसका अनुसरण क्यों नहीं किया जा रहा। यह मध्य-पूर्व में हुआ है... जब इजरायी लोग ऐसा कर सकते हैं तो हम भी यह कर सकते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भरोसा है कि अपने जीवनकाल में ही वह देख सकेंगे कि विस्थापित कश्मीरी पंडित घाटी में सुरक्षित अपने घर लौट गए हैं।