Agra Transport Department: ताजनगरी आगरा में अब अवैध वाहन तीसरी आंख से नहीं बच पाएंगे। शहर में धड़ल्ले से दौड़ रहे बिना परमिट, ओवर लोड, 15 साल पुराने और बीमा की तारीख खत्म हो चुके वाहन अब कैमरे की नजर में नहीं बच पाएंगे। स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों में ये अवैध वाहन कैद हो जाएंगे। इनका चालान ऑटोमेटिक हो जाएगा। आरटीओ के सॉफ्टवेयर सारथी से स्मार्ट सिटी के सॉफ्टवेयर को जोड़ा जा रहा है। शहर में इस व्यवस्था के लागू होने से वाहन चोरी के मामले भी घटने तय हैं। दरअसल, संभागीय परिवहन विभाग का सारा डाटा स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से जोड़ा जा रहा है।
आपको बता दें कि, अभी तक पांच हजार से ज्यादा वाहनों को सॉफ्टवेयर में फीड कर दिया गया है। इसमें स्कूली वाहन, ग्रामीण ऑटो, सरेंडर वाहन, डीजल ऑटो और एनओसी वाहनों का डाटा फीड कराया जा चुका है।
ग्रामीण ऑटो या डीजल वाहन सड़क पर चलता है, तो कैमरे की नजर से बच नहीं सकेगा। इसकी सीधे जानकारी आरटीओ अधिकारियों के पास पहुंच जाएगी। परिवहन सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से आरटीओ का डाटा जोड़ने का निर्देश दिया है। इससे एनजीटी के नियमों का पालन हो सकें। 15 साल पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध है, उसके बाद भी हजारों की संख्या में वाहन दौड़ रहे हैं। सॉफ्टवेयर के जुड़ते ही बड़े पैमाने पर कार्रवाई होगी। कैमरों में पूरा रिकॉर्ड रहेगा। कौन सा वाहन कहां से गुजरा, कितनी बार गुजरा इसकी पूरी जानकारी पर कैमरे से नजर रखी जाएगा।
पीटीओ दिनेश कुमार ने बताया कि, स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से चालान 15 दिन बाद आते है, जिससे दिक्कत होती है। इसलिए डाटा फीड कराया जा रहा है। डाटा फीड होने के बाद चालान पर तेजी से कार्रवाई हो सकेगी। अभी तकनीकी समस्या आ रही है, जिनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि शहर में कुल 1340 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से 1000 एक्टिवेट कैमरे हैं।
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