Agra Cleanliness: गांव की गंदगी को दूर किए जाने को लेकर नया अभियान चलाया गया है। इससे स्वच्छता अभियान के तहत गांव की गंदगी तो दूर होगी ही इसके साथ ही खाद भी बनकर तैयार होगा। देसी गाय के गोबर के बैक्टीरिया से अब गांव की रौनक बढ़ जाएगी। आगरा के गांव की स्वच्छता सही रूप से क्रियान्वित होकर यदि सफल होती है तो यह मुहिम उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी मॉडल के रूप में साबित हो सकती है। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्वच्छता की यह पहल अपनाई जाएगी। सड़कों और खेतों में निराश्रित घूम रही गाय व अन्य जानवर प्रकृति को साफ करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गाय के गोबर से खोजे गए वेस्ट डी-कंपोजर से यह मुमकिन हो गया है। इसका इस्तेमाल अब गांव की गंदगी खत्म करने के लिए किया जाएगा। आगरा में इस अभियान की ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है।
एनसीओएफ गाजियाबाद द्वारा बनाए गए वेस्ट डी कंपोजर को खोजा गया
नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग गाजियाबाद द्वारा बनाए जाने वाले वेस्ट डी कंपोजर को देसी गाय के गोबर से खोजा गया है, जिसका इस्तेमाल अब ऑर्गेनिक खेती के लिए किया जाएगा। आगरा के मुख्य विकास अधिकारी ए मणिकंडन ने वेस्ट डी कंपोजर के जरिए गांव को गंदगी से मुक्त करने का प्लान तैयार किया है। जल्द ही इस प्लान को धरातल पर मूर्त रूप दिया जाएगा। इसके लिए आगरा में प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया है। प्रशिक्षण पूरा होते ही इसे धरातल स्तर पर लागू किया जाएगा।
ग्राम पंचायत कर्मियों को दिलाई गई ट्रेनिंग
मुख्य विकास अधिकारी आगरा मणिकंडन ने बताया कि गांव को स्वच्छ बनाने के लिए तैयार किए गए प्लान को धरातल स्तर पर लागू किए जाने को लेकर प्रशिक्षण कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए जिले के सभी ग्राम पंचायत कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद यह सभी ग्राम पंचायत कर्मी अपने गांव के लोगों को प्रशिक्षित करेंगे, जिसके बाद धरातल स्तर पर इसे लागू कर गांव को स्वच्छ बनाया जाएगा। गांव को स्वच्छ बनाने के साथ ही इससे कंपोस्ट खाद का भी निर्माण होगा।
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