Yamuna Expressway: ताजनगरी आगरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर वाहन चालक जमकर नियमों को उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही अपनी और दूसरे लोगों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। पिछले महीने यमुना एक्सप्रेस वे पर करीब 4000 वाहनों के चालान किए गए थे। ट्रैफिक पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, सर्वाधिक चालान शनिवार, रविवार और सोमवार को होते हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर कार के लिए 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड निर्धारित है। सर्दियों में इसे घटाकर 80 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया जाता है।
यातायात पुलिस ने 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक से चलने वाले वाहनों के चालान किए हैं। प्रतिदिन ओवर स्पीड 80 से 90 चालान किए जाते हैं। लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस वे बनने से पहले सर्वाधिक सड़क हादसे आगरा-दिल्ली हाईवे पर हुआ करते थे।
जैसे-जैसे सड़कों का जाल बिछ रहा है सड़क हादसों की संख्या भी बढ़ रही है। आगरा में हर दिन औसतन दो लोगों की सड़क हादसे में जान जाती है। सर्वाधिक हादसे यमुना एक्सप्रेस वे, लखनऊ एक्सप्रेस वे पर होते हैं। इसके अलावा जिले में करीब 50 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं। आईएसबीटी कट और शाहदरा चुंगी के पास फ्लाईओवर का निर्माण हो गया है। आपको बता दें कि, ट्रैफिक पुलिस यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड चलने वाले वाहनों के चालान काटती है। लखनऊ एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड के चालान संभागीय परिवहन विभाग द्वारा किए जाते हैं।
गौरतलब है कि, ग्रेटर नोएडा से आगरा तक इस एक्सप्रेस-वे की दूरी करीब 165 किलोमीटर है। एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की स्पीड की मॉनिटरिंग के लिए जेवर और आगरा के अलग-अलग इलाकों में 20 स्पीडोमीटर और टाइम बूथ का निर्माण किया गया है। एक्सप्रेस-वे पर वाहन तय लिमिट से ज्यादा स्पीड में दौड़ते हैं तो उनका चालान किया जाता है।
बताया जाता है कि, एक्सप्रेस वे पर एक ऑडी 202 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाई जा चुकी है। इसके अलावा कई गाड़ियां 190 से 200 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से भी दौड़ी हैं।
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