Agra Heliport Service: आगरा में अब यहां से हर दिन उड़ेंगे हेलीकॉप्टर, जल्द शुरू होने वाली है यह खास सेवा

Agra Heliport Service: आगरा में अब एक और जगह से हवाई सेवा ले सकते हैं। जल्द ही इसकी शुरुआत होने वाली है। इसके लिए हेलीपोर्ट लगभग बनकर तैयार हो गया है।

Agra Heliport
आगरा में जल्द शुरू होगी हेलीपोर्ट। (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • हेलीकॉप्टर में बैठकर सैलानी स्मारकों का कर सकेंगे दीदार
  • फतेहाबादरोड पर होलीपोर्ट लगभग बनकर तैयार
  • हेलीकॉप्टर सेवा के संचालन के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार

Agra Heliport Service: आगरा शहर में अब पर्यटक हेलीकॉप्टर के माध्यम से धरोहरों को देख सकेंगे। इसके लिए फतेहाबादा रोड पर 90 प्रतिशत हेलीपोर्ट बन गया है। बस हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने को लेकर कैबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए टेंडर निकाला जाएगा। हेलीपोर्ट से उड़ने वाले हेलीकॉटर के जरिए पर्यटक ताजमहल, आगरा किला, बेबी ताज आदि को देख सकेंगे। 

अधिकारियों का कहना है कि, फतेहपुर सीकरी तक पर्यटक अपना टिकट बुक कराएंगे तो उन्हें वहां तक ले जाया जाएगा। इसके अलावा ज्वाय राइड में सदर बाजार, राजा मंडी, पालीवाल पार्क, राधा स्वामी मंदिर आदि का भी दीदार कराया जाएगा। हेलीकॉप्टर से इन चीजों को देखने में पर्यटकों को रोमांच का एहसास होगा।  

इनर रिंग रोड पर बन रहा हेलीपोर्ट
बता दें, हेलीकॉप्टर सेवा के लिए हेलीपोर्ट का निर्माण इन रिंग रोड पर मदरा में कराया जा रहा है। सिर्फ 10 प्रतिशत काम बचा हुआ है। कार्यकारी एजेंसी का कहना है कि, अगले 15-20 दिनों में यह काम भी पूरा हो जाएगा। 

प्रधानमंत्री ने 9 जनवरी 2019 को रखी थी आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलीपोर्ट के निर्माण की आधारशिला रखी थी। उन्होंने 9 जनवरी 2019 को निर्माण कार्य का शुभारंभ कराया था। उस वक्त काम पूरा कराने की समय सीमा अक्टूबर 2020 ही तय हुई थी। इसके निर्माण पर 4.95 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। हाल में पर्यटन विभाग ने शासन को 19 लाख रुपए के लिए पत्र भेजा है। इस बारे में पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र रावत ने बताया कि, हेलीपोर्ट संचालन के लिए 19 लाख रुपए का फंड मांगा गया है। इसका संचालन पीपीपी मोड पर कराया जाना है। जल्द ही हमलोग टेंडर निकालेंगे। 

इस कारण हुई देर
बता दें, अक्टूबर 2020 की जगह अब तक निर्माण पूरा नहीं होने के कई कारण हैं। इसमें प्रमुख कारण फायर फाइटिंग सिस्टम अपडेट नहीं होना है। पिछले साल रिवाइज्ड एस्टीमेट मुख्यालय को भेजा गया था। इसमें लागत बढ़कर 7.9 करोड़ रुपए पहुंच गई। ऐसे में काफी दिन तक निर्माण कार्य रुका रहा।  
 

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